राजस्थान में कोचिंग संस्थान अब नहीं कर सकेंगे मनमानी, छात्रों पर नहीं डाल पाएंगे दबाव; यह होंगे नियम
कोचिंग संस्थानों की निगरानी के लिए राजस्थान कोचिंग प्राधिकरण का गठन किया जाएगा जिसके अध्यक्ष उच्च शिक्षा विभाग के सचिव होंगे। बुधवार को विधानसभा में बहस और हंगामे के बीच राजस्थान कोचिंग संस्थान नियंत्रण व विनियमन विधेयक 2025 पारित कर दिया गया। इसके तहत अब कोचिंग संस्थान पूरे साल की फीस एक साथ नहीं ले सकेंगे बल्कि उन्हें चार किस्तों में फीस वसूल करनी होगी।

जागरण संवाददाता, जयपुर। राजस्थान में अब एक सौ से अधिक छात्रों को पढ़ाने वाले कोचिग संस्थानों को पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इसके लिए कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तर पर कमेटी गठित की जाएगी, जिसमें पुलिस अधीक्षक, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला स्वास्थ्य अधिकारी और शहरी निकाय के आयुक्त शामिल होंगे।
राजस्थान कोचिंग प्राधिकरण का गठन किया जाएगा
कोचिंग संस्थानों की निगरानी के लिए राजस्थान कोचिंग प्राधिकरण का गठन किया जाएगा, जिसके अध्यक्ष उच्च शिक्षा विभाग के सचिव होंगे। बुधवार को विधानसभा में बहस और हंगामे के बीच राजस्थान कोचिंग संस्थान नियंत्रण व विनियमन विधेयक, 2025 पारित कर दिया गया। इसके तहत अब कोचिंग संस्थान पूरे साल की फीस एक साथ नहीं ले सकेंगे, बल्कि उन्हें चार किस्तों में फीस वसूल करनी होगी।
इस मामले में ट्यूशन और हॉस्टल फीस लौटानी होगी
यदि कोई छात्र पढ़ाई छोड़ता है तो उसे ट्यूशन और हॉस्टल फीस लौटानी होगी। छात्रों की शिकायतों के समाधान के लिए जिला स्तर पर 24 घंटे काम करने वाला काल सेंटर स्थापित किया जाएगा। नियमों का उल्लंघन करने पर कोचिंग संस्थानों पर पहली बार 50 हजार और दूसरी बार दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
इसके अलावा संस्थान का पंजीकरण रद करने और जमीन कुर्क करने की कार्रवाई भी की जा सकेगी। नए नियमों के तहत कोचिंग संस्थान में प्रति छात्र बैठने के लिए कम से कम एक वर्गमीटर स्थान होना जरूरी होगा। छात्रों को पढ़ाई की सामग्री निशुल्क देनी होगी। संस्थान को सुरक्षा के प्रबंध करने होंगे।
जोरदार हंगामे के बीच वन मंत्री की शर्ट फटी
विधानसभा में भाजपा और कांग्रेस के विधायकों के बीच जोरदार हंगामा हुआ। कांग्रेस विधायक काली पट्टी बांधकर आए थे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। वहीं, भाजपा विधायकों ने राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी की, जिससे स्थिति तनावपूर्ण हो गई।
इस दौरान वन मंत्री संजय शर्मा प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली की ओर बढ़े। संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल व सामाजिक न्याय मंत्री अविनाश गहलोत ने उन्हें रोका। इस दौरान दोनों मंत्रियों ने शर्मा की शर्ट खींची, जिससे वह फट गई।
भाजपा विधायक शत्रुघ्न गौतम ने कही ये बात
विधानसभा अध्यक्ष ने कार्यवाही भोजनावकाश तक स्थगित कर दी। भाजपा विधायक शत्रुघ्न गौतम ने कहा कि यदि कार्रवाई स्थगित नहीं होती तो अप्रिय स्थिति उत्पन्न हो सकती थी।

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