एयरपोर्ट्स पर CNS सिस्टम के मॉडर्नाइजेशन की उठी मांग, दिल्ली ATC में खामी के बाद ATSEPA ने दी चेतावनी
एयरपोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के इंजीनियरों ने सरकार से CNS सिस्टम के आधुनिकीकरण की मांग की है। दिल्ली एयरपोर्ट पर ATC में गड़बड़ी के बाद यह मांग उठी है, जिससे सैकड़ों उड़ानें प्रभावित हुईं। एटीएसईपीए ने आरोप लगाया कि CNS सिस्टम अपग्रेड पर ध्यान नहीं दिया गया। ATC मैसेजिंग सिस्टम में खराबी से 800 उड़ानें लेट हुईं और 46 रद्द हुईं। संघ ने CNS इंजीनियरों की सिफारिशों को अनिवार्य रूप से शामिल करने की मांग की है।

CNS सिस्टम के आधुनिकीकरण की मांग
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एयरपोर्ट्स अथारिटी आफ इंडिया (एएआइ) के इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरों के संगठन ने सरकार से प्रमुख एयरपोर्ट्स पर संचार, नेविगेशन और सर्विलांस यानी सीएनएस सिस्टम के तत्काल आधुनिकीकरण की मांग की है। यह मांग पिछले सप्ताह दिल्ली एयरपोर्ट पर एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम में आई गड़बड़ी के बाद की गई है, जिसमें सैकड़ों उड़ानें प्रभावित हुई थीं।
मंत्री नायडू ने दिल्ली एटीसी में आए तकनीकी गड़बड़ी की विस्तृत जांच और बैकअप सर्वर लगाने का निर्देश दिया है, ताकि संचालन को सुरक्षित और सुचारू बनाया जा सके।एटीएसईपीए ने विमानन मंत्री के. राममोहन नायडू को भेजे ईमेल में आरोप लगाया कि समय पर चेतावनी देने, प्रस्ताव भेजने और बार-बार आग्रह करने के बावजूद सीएनएस सिस्टम अपग्रेड, बैकअप सिस्टम तैयार करने और प्रशिक्षित इंजीनियरों की सही तैनाती जैसे मुद्दों पर आवश्यक तत्परता नहीं दिखाई गई।
CNS सिस्टम के आधुनिकीकरण की मांग
गौरतलब है कि एटीसी मैसेजिंग सिस्टम में खराबी आने के कारण करीब 800 उड़ानें देरी का शिकार हुईं और 46 उड़ानें रद करनी पड़ी थीं। संघ का कहना है कि एएमएसएस (आटोमेटेड मेसेज स्विचिंग सिस्टम) जैसे पुराने सिस्टम में न तो आधुनिक क्षमता है और न ही पर्याप्त बैकअप, जिसके चलते यह संकट पैदा हुआ।
एटीएसईपीए के पदाधिकारी योगेंद्र गौतम ने कहा कि सीएनएस बुनियादी ढांचे की अनदेखी और इंजीनियरों द्वारा दिए गए तकनीकी सुझावों को दरकिनार करने की वजह से बार-बार ऐसी समस्याएं सामने आ रही हैं। उन्होंने सरकार से मांग की कि सिस्टम खरीद और अपग्रेड के दौरान सीएनएस इंजीनियरों की सिफारिशों को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए और सीएनएस स्टाफ को गैर-तकनीकी कार्यों में न लगाया जाए।
दिल्ली ATC में आई तकनीकी खामी
एसोसिएशन के अनुसार, एटीएम (एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट) सिस्टम में मैनुअल बैकअप के इस्तेमाल में अनिच्छा और पुराने आटोमेशन पर अत्यधिक निर्भरता ने हालिया गड़बडि़यों को बढ़ाया। एटीसीओ (एयर ट्रैफिक कंट्रोलर) की आटोमेशन पर निर्भरता के कारण सिस्टम फेल होने पर मैनुअल प्रक्रिया ठीक से लागू नहीं हो पाती, जिससे देरी और त्रुटियां बढ़ती हैं।
एटीएसईपीए ने कहा कि आधुनिक विमानन सुरक्षा के लिए मजबूत तकनीकी ढांचा, सक्षम इंजीनियर और आधुनिक सिस्टम आवश्यक हैं, न कि सिर्फ पर्यवेक्षी पदों का विस्तार। एसोसिएशन के अनुसार, कई प्रशिक्षित सीएनएस इंजीनियरों को गैर-तकनीकी या कम उपयोगी भूमिकाओं में लगाया गया है, जबकि महत्वपूर्ण स्थानों पर स्टाफ की कमी है।
सात नवम्बर को एएमएसएस में समस्या के कारण उड़ानों की भारी देरी हुई, हालांकि आठ नवंबर की दोपहर तक ईसीआइएल इंजीनियरों, एटीसी कर्मियों और मंत्रालय की निगरानी से सिस्टम फिर से सामान्य हो गया।
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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