महंगाई के बीच आम लोगों को मिलेगी राहत! सरकार ने किया नियमों में बड़ा बदलाव, कम हो सकती हैं PNG और CNG की कीमतें
प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने गैस ढुलाई शुल्क नियमों में बदलाव किए हैं जिससे कीमतें कम होने की उम्मीद है। भौगोलिक क्षेत्रों को तीन से घटाकर दो करने से दूरदराज इलाकों में पीएनजी और सीएनजी पहुंचाने में तेजी आएगी। पीएनजीआरबी का लक्ष्य एक देश एक ग्रिड एक शुल्क नीति को बढ़ावा देना है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। देश में पाइपलाइन के जरिए गैस की ढुलाई को लेकर इस क्षेत्र की नियामक एजेंसी पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने शुल्क संबंधी नियमों में कुछ अहम बदलाव करने का कदम उठाया है।
अब देश में प्राकृतिक गैस की ढुलाई को लेकर नया नियम ज्यादा पारदर्शी व सुलभ होगा। इसके तहत देश में प्राकृतिक गैस की कीमत तय करने वाले भौगोलिक क्षेत्रों की संख्या तीन से घटा कर दो कर दी गई है। इससे देश के दूर दराज व पिछड़े इलाकों में पाइपलाइन बिछाने की प्रक्रिया तेज होने का दावा किया गया है और यह भी दावा किया गया है देश के कई हिस्सों में घरेलू गैस पीएनजी और सीएनजी की कीमतों में कमी आएगी।
दूर दराज के इलाकों में पहुंचेगी सीएनजी
पीएनजीआरबी ने यह भी कहा है कि उसके इस कदम से दूर दराज के इलाकों में पीएनजी व सीएनजी पहुंचाने को लेकर कंपनियां प्रोत्साहित होंगी। पीएनजीआरबी ने कहा है कि उसने एक देश, एक ग्रिड, एक शुल्क की नीति को आगे बढ़ाने के लिए देश में प्राकृतिक गैस ढुलाई के भौगोलिक क्षेत्रों को सिर्फ दो हिस्सों में बांटने का फैसला किया है। अभी तक पीएनजीआरबी की परिभाषा के तहत घोषित जोन-वन में काम करने वाली गैस कंपनियों को जो सहूलियत मिलती थी वह पूरे देश भर में दी जाएगी।
सीएजी पीएनजी की कीमतों में आएगी कमी
नियामक एजेंसी का कहना है कि इससे तेजी से पीएनजी व सीएनजी सेवाओं का विस्तार कंपनियां करेंगी और इनकी दरों में भी कमी आएगी। खास तौर पर दूरदराज के इलाकों में गैस की कीमतें नीचे आएंगी। इसका फायदा यह भी होगा कि देश में बड़े पैमाने पर गैस ढांचे का विस्तार होगा जो देश की इकोनमी को गैस आधारित बनाने में मदद करेगी।
ग्राहकों को होने जा रहा सीधा फायदा
सरकार ने वर्ष 2030 तक देश की इकोनमी में गैस की हिस्सेदारी मौजूदा सात फीसद से बढ़ा कर 15 फीसद करने का लक्ष्य रखा है। एक अन्य कदम यह उठाया गया है कि गैस आपूर्ति करने वाली कंपनियों के लिए अपनी 75 फीसद गैस खरीद को दीर्घावधि समझौते के तहत लेने की बाध्यता लागू कर दी है। लंबी अवधि के समझौते के तहत गैस की कीमत कम होती है। इसका फायदा भी ग्राहकों को कम कीमत के तौर पर मिलने की उम्मीद है।
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