क्या है इसरो का CMS-03 मिशन? 2 नवंबर को लॉन्च होगा भारत का सबसे भारी संचार उपग्रह
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) रविवार को देश के सबसे भारी संचार उपग्रह सीएमएस-03 को प्रक्षेपित करने के लिए पूरी तरह तैयार है। CMS-03 एक बहु-बैंड सैन्य संचार उपग्रह है, जिसे जीसैट-7आर के नाम से भी जाना जाता है, और इसे देश के सबसे शक्तिशाली रॉकेट, लॉन्च व्हीक लमार्क 3 (एलवीएम3) के जरिए प्रक्षेपित किया जाएगा।

इसरो 2 नवंबर को सीएमएस-03 संचार उपग्रह लॉन्च करेगा (सांकेतिक तस्वीर)
आईएएनएस, नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) रविवार को देश के सबसे भारी संचार उपग्रह सीएमएस-03 को प्रक्षेपित करने के लिए पूरी तरह तैयार है। CMS-03 एक बहु-बैंड सैन्य संचार उपग्रह है, जिसे जीसैट-7आर के नाम से भी जाना जाता है, और इसे देश के सबसे शक्तिशाली रॉकेट, लॉन्च व्हीकल मार्क 3 (एलवीएम3) के जरिए प्रक्षेपित किया जाएगा।
सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से होगा लॉन्च
इसरो दो नवंबर को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सीएमएस-03 संचार उपग्रह लांच करेगा। यह भारतीय धरती से भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा (जीटीओ) में प्रक्षेपित होने वाला सबसे भारी संचार उपग्रह होगा।
एलवीएम3 प्रक्षेपण यान का यह पांचवां परिचालन होगा
भू-समकालिक स्थानांतरण कक्षा एक दीर्घवृत्ताकार कक्षा है, जिसका उपयोग उपग्रहों को उनकी अंतिम भू-समकालिक कक्षा में पहुंचाने के लिए किया जाता है। यह लांच एलवीएम3 प्रक्षेपण यान से किया जाएगा। एलवीएम3 प्रक्षेपण यान का यह पांचवां परिचालन होगा।
नौसेना की युद्धक क्षमता में होगा इजाफा
अंतरिक्ष एजेंसी के अनुसार, सीएमएस-03 एक बहु-बैंड संचार उपग्रह है जिसे भारतीय भूभाग सहित एक विस्तृत समुद्री क्षेत्र में सेवाएं प्रदान करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसका वजन लगभग 4,400 किलो है।
एलवीएम3 के पिछले मिशन ने चंद्रयान-3 मिशन को प्रक्षेपित किया था, जिसमें भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सफलतापूर्वक उतरने वाला पहला देश बना था।
26 अक्टूबर को प्रक्षेपण पैड पर ले जाया गया
इसरो ने कहा कि प्रक्षेपण यान को पूरी तरह से जोड़ दिया गया है और अंतरिक्ष यान के साथ एकीकृत कर दिया गया है। इसे 26 अक्टूबर को प्रक्षेपण पैड पर ले जाया गया।

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