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    Sikkim Cloudburst: ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने से बाढ़ ने कैसे मचाई तबाही, ISRO के सैटेलाइट इमेज के जरिए समझिए

    By AgencyEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Wed, 04 Oct 2023 11:56 PM (IST)

    सिक्किम के सिंगतम में बादल फटने के बाद बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। बादल फटने की यह घटना उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील के ऊपर अचानक हुई। बादल फटने से पहले और बाद में ल्होनक झील में क्या तबदीली आई उसकी जानकारी इसरो ने दी है। 17 सितंबर और बुधवार सुबह 6 बजे की ली गई झील के तस्वीरों को इसरो ने साझा किया है।

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    उत्तरी सिक्किम की ग्लेशियर झील साउथ ल्होनक के पास बादल फटने से जुड़ी तस्वीरें इसरो ने साझा की।(फोटो सोर्स: इसरो)

    पीटीआई, बेंगलुरु। Cloudburst over Lhonak Lake। उत्तरी सिक्किम की ग्लेशियर झील साउथ ल्होनक (South Lhonak lake) के पास मंगलवार रात को बादल फटने से तीस्ता नदी में उफान के बाद आई बाढ़ में अनेक लोग बह गए। सेना के 23 जवानों समेत 82 लोग लापता हैं, जबकि 10 शव मिले।  मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है।

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    जानकारी के मुताबिक, ल्होनक झील का लगभग 65 प्रतिशत (लगभग 105 हेक्टेयर) बादल फटने के बाद पानी के ओवरफ्लो होने और तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आने के बाद बह गया है।

    इसरो ने जारी की झील की तस्वीरें

    बादल फटने से पहले और बाद में ल्होनक झील में क्या तबदीली आई उसकी जानकारी इसरो (ISRO) ने दी है। 17 सितंबर और 28 सितंबर के बीच यानी त्रासदी से पहले और बुधवार सुबह 6 बजे ली गई तस्वीरों को इसरो ने साझा किया है।

    (फोटो सोर्स: इसरो)

    बादल फटने से बह गया 105 हेक्टेयर क्षेत्र : इसरो

    इन तस्वीरों के जरिए इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि बादल फटने से पहले और बादल फटने के बीच झील में क्या तबदीली आई है। बता दें कि  नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (National Remote Sensing Centre) द्वारा यह अध्ययन किया गया है।

    इसरो ने बयान में कहा कि सैटेलाइट इमेज के जरिए देखा जा सकता है कि बादल फटने के की वजह से झील का 105 हेक्टेयर क्षेत्र बह गया। अंतरिक्ष एजेंसी ने कहा कि वह सैटेलाइट डेटा का उपयोग करके आगे भी झील की निगरानी जारी रखेगी।

    (फोटो सोर्स: इसरो)

    अगले दो दिनों के लिए क्षेत्र में बारिश का रेड अलर्ट

    बता दें कि सिक्किम का सड़क संपर्क सिलीगुड़ी समेत देश के शेष भाग से कट गया है। राज्य प्रशासन ने इसे आपदा घोषित किया है। चार जिलों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं।

    मौसम विभाग ने अगले दो दिनों के लिए अत्यधिक वर्षा का रेड अलर्ट जारी किया गया है। इसका असर राहत एवं बचाव कार्य पर पड़ने की आशंका है। सड़कों और पुलों के बह जाने और संचार व्यवस्था ठप होने से राहत एवं बचाव कार्य ठीक से नहीं चल पा रहा।

    सरकार सहायता प्रदान करने को प्रतिबद्ध: तमांग

    सिक्किम के मुख्यमंत्री पीएस तमांग ने  सिंगताम का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने सिंगताम नगर पंचायत कार्यालय में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और उन्हें निगरानी रखने को कहा।

    इटरनेट मीडिया पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा कि इस कठिन घड़ी में उनके विचार और प्रार्थनाएं सभी के साथ हैं। उन्होंने कहा कि इस चुनौतीपूर्ण समय में सरकार जरूरतमंद लोगों को सभी आवश्यक सहायता और राहत प्रदान करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

    दस हजार लोगों को निकाला: ममता बनर्जी

    बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा दस हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। राज्य के उत्तरी इलाकों में लोगों से सतर्क रहने को कहा है। कालिम्पोंग, दार्जिलिंग और जलपाईगुड़ी जिलों में नदी किनारे रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए सभी कदम उठाए गए हैं।

    हेल्पलाइन नंबरों के साथ दो नियंत्रण कक्ष स्थापित करने का आदेश दिया। बचाव कार्यों में सहायता के लिए सेना की एक टुकड़ी की मांग की गई है और उसे कालिम्पोंग में तैनात किया गया है। 

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