स्वच्छ गंगा मिशन के तहत उत्तराखंड, यूपी, बिहार, झारखंड और बंगाल में 1,145 करोड़ की 14 परियोजनाओं को मंजूरी
Clean Ganga Mission राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने पांच मुख्य गंगा बेसिन राज्यों उत्तराखंड उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड और पश्चिम बंगाल में 1145 करोड़ रुपये की 14 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है। इनके तहत रिवर फ्रंट विकास पर भी काम होगा...
नई दिल्ली, एएनआइ। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने 1,145 करोड़ रुपये की 14 परियोजनाओं को स्वीकृति प्रदान की है। इनमें सीवेज प्रबंधन, औद्योगिक प्रदूषण उन्मूलन, जैव विविधता संरक्षण, वनीकरण, रिवर फ्रंट विकास और विकेंद्रीकृत अपशिष्ट जल उपचार से संबंधित परियोजनाएं शामिल हैं। पांच मुख्य गंगा बेसिन राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में सीवेज प्रबंधन की आठ परियोजनाएं भी इसमें हैं।
उत्तर प्रदेश की चार परियोजनाओं को मंजूरी
एनएमसीजी के महानिदेशक जी अशोक कुमार अध्यक्षता में हुई 45वीं कार्यकारी समिति की बैठक में ये फैसला लिया गया। सीवेज प्रबंधन के लिए उत्तर प्रदेश की चार परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इन पर 308.09 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें वाराणसी में अस्सी ड्रेन पर 55 एमएलडी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण भी शामिल है।
वृंदावन में संरचनाओं का नवीनीकरण
अन्य परियोजनाओं में वृंदावन शहर में 77.70 करोड़ रुपये की लागत से 13 एमएलडी एसटीपी का निर्माण, मौजूदा संरचनाओं का नवीनीकरण आदि शामिल है। मथुरा जिले के कोसी कलां शहर में 66.59 करोड़ की लागत से 12 एमएलडी एसटीपी का निर्माण, छाता शहर में छह एमएलडी एसटीपी का निर्माण आदि शामिल हैं।
284.80 करोड़ की राशि को स्वीकृति
उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के लिए सीवेज प्रबंधन की एक-एक और परियोजना को भी स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके तहत दो एसटीपी (17 एमएलडी और 23 एमएलडी) का निर्माण किया जाएगा। झारखंड के रामगढ़ शहर में आवश्यक सहायक बुनियादी ढांचे, स्काडा और आनलाइन निगरानी प्रणाली आदि सहित 50 एमएलडी के एसटीपी के निर्माण के लिए 284.80 करोड़ की राशि को स्वीकृति दी गई।
बिहार में परियोजनाओं को मंजूरी
67.06 करोड़ की लागत से बंगाल के केओरापुकुर में 50 एमएलडी एसटीपी का निर्माण और मौजूदा संरचनाओं के नवीनीकरण संबंधी योजना को भी मंजूरी प्रदान की गई। बिहार में 47.39 करोड़ की अनुमानित लागत वाली परियोजना के तहत हरबोरा नदी पर 2.5 एमएलडी और बेलवा साथी नहर पर 4.5 एमएलडी के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट को मंजूरी दी गई।
देहरादून में परियोजना को मंजूरी
उत्तराखंड में देहरादून की सपेरा बस्ती में 13 एमएलडी एसटीपी के निर्माण और अन्य कार्यों के लिए एक परियोजना को भी मंजूरी दी गई। इसकी अनुमानित लागत करीब 74.38 करोड़ रुपये है। यह परियोजना सीवेज को सुशवा नदी में बहने से रोकेगी।
हापुड़, बुलंदशहर, बदायूं और मिर्जापुर में बनेंगे जैव विविधता पार्क
उत्तर प्रदेश के चार जिलों हापुड़, बुलंदशहर, बदायूं और मिर्जापुर में चार जैव विविधता पार्कों की स्थापना की जाएगी। इस पर करीब 24.97 करोड़ रुपये खर्च होंगे। ये सभी स्थान गंगा के बाढ़ के मैदानों वाले हैं। ये क्षेत्र आरक्षित वनों का हिस्सा भी हैं और रिवर रिस्टोरेशन और जैव विविधता के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। ये पार्क मिर्जापुर के मोहनपुर, बुलंदशहर में रामघाट, हापुड़ में आलमगीरपुर और बदायूं में उझानी में बनाए जाएंगे।
पानीपत टेक्सटाइल क्लस्टर का प्रदूषण रोकने को 18.95 करोड़ होंगे खर्च
पानीपत टेक्सटाइल क्लस्टर के प्रदूषण निवारण और प्रभावी अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 18.95 करोड़ की परियोजना को भी मंजूरी प्रदान की गई। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य कपड़ा क्लस्टर से निकलने वाले अपशिष्ट को यमुना में गिरने से रोककर यमुना और गंगा के पानी की गुणवत्ता में सुधार करना है। इस परियोजना का उद्देश्य इन-हाउस रासायनिक प्रबंधन प्रणाली (रसायनों की खपत में 25 प्रतिशत की कमी) को अपनाकर पानी की खपत 30 प्रतिशत तक कम करना है।
यह भी पढ़ें- इंदौर, सूरत और नवी मुंबई को मिला भारत के शीर्ष 3 सबसे स्वच्छ शहरों का पुरस्कार, ये शहर भी है लिस्ट में शामिल