कक्षा 5वीं की छात्रा की जल्लीकट्टू के लिए खास तैयारी, तीन साल से बैल को ट्रेनिंग दे रही याजिनी
तमिलनाडु की मदुरई की रहने वाली एक कक्षा 5वीं की छात्रा जल्लीकट्टू कार्यक्रम के लिए एक बैल को प्रशिक्षित कर रही है। इस छात्रा ने अपने ओर लोगों का ध्यान खींचा है। इस छात्रा का नाम याजिनी है और ये पिछले तीन साल से बैलों के साथ काम कर रही है। याजिनी का कहना है कि जल्लीकट्टू कार्यक्रम से पहले बैलों को चलने का अभ्यास जैसे प्रशिक्षण देते हैं।

एएनआई, मदुरई। तमिलनाडु के मदुरई में पांचवीं कक्षा की एक लड़की अगले महीने होने वाले पोंगल त्योहार के दौरान जल्लीकट्टू कार्यक्रम के लिए एक बैल को प्रशिक्षित कर रही है। याजिनी नाम की यह लड़की पिछले तीन वर्षों से नानबन नाम के बैल के साथ काम कर रही है।
जल्लीकट्टू बैलों को प्रशिक्षित करने का जुनून
मंगकुलम गांव की रहने वाली याजिनी क्रिसेंट स्कूल में पढ़ती है। वह एक किसान परिवार से आती है, जो पशुपालन से जुड़ा हुआ है। अपने माता-पिता के सहयोग से उनमें जल्लीकट्टू बैलों को प्रशिक्षित करने का जुनून विकसित हुआ है। याजिनी ने बताया कि इस बैल का नाम नानबन (मतलब दोस्त) है और मैं पिछले पांच साल से उसके साथ हूं। मैं उसे एक बड़े भाई की तरह मानती हूं। जब मैं उसके पास जाती हूं, तो वह मुझे कोई नुकसान नहीं पहुंचाता और हमेशा मेरे प्रति स्नेह रखता है।
क्या बोली याजिनी?
उन्होंने बताया कि जल्लीकट्टू कार्यक्रम से पहले हम उसे तैराकी और चलने का अभ्यास जैसे प्रशिक्षण देते हैं। मैं जल्लीकट्टू प्रतियोगिताओं के दौरान उसके साथ रहती हूं। जब वह कार्यक्रम का शुरुआती बिंदू से बाहर आता है, तो वह आक्रामक तरीके से खेलता है। इसके बाद वह शांति से मेरे साथ घर वापस आ जाता है। अपने पिता के मार्गदर्शन में याजिनी को बहुत कम उम्र से ही बैल प्रशिक्षण में रुचि हो गई, क्योंकि वह बैलों को चारा-पानी देती रहती थी।
वहीं, याजिनी के पिता सिवानेसन ने कहा कि मेरे पास दो बैल हैं। जल्लीकट्टू नजदीक आ रहा है, इसलिए मैं उन्हें प्रशिक्षण दे रहा हूं। अगर मुझे कभी बाहर जाना होता है, तो मेरी बेटी बैलों की देखभाल करती है। मेरे बैल ने पिछली जल्लीकट्टू प्रतियोगिता में भाग लिया और सोने और चांदी के सिक्के पुरस्कार जीते हैं।
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