Monsoon Session: संसद के मानसून सत्र में सरकार कर रही ऑनलाइन गेमिंग पर GST अधिनियम में संशोधन की तैयारी
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने बताया कि हमारी कोशिश होगी कि कानून का मसौदा तैयार किया जाए और इसे संसद में पेश कर मानसून सत्र में पारित कराया जाए। उन्होंने आगे बताया कि कार्यान्वयन तभी प्रभावी होगा जब राज्य विधानमंडल भी राज्य जीएसटी कानूनों में संशोधन को पारित कर देंगे।

नई दिल्ली, पीटीआई। राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार ऑनलाइन गेमिंग, कसीनो और घुड़दौड़ पर 28 फीसदी टैक्स लगाने के जीएसटी परिषद के फैसले को लागू करने के लिए संसद के मानसून सत्र में जीएसटी अधिनियम में स्पष्टीकरण संशोधन प्रस्ताव लाएगी।
बता दें कि 20 जुलाई से लेकर 11 अगस्त, 2023 तक मानसून सत्र चलेगा और इस दौरान कई विधेयक पारित हो सकते हैं।
क्या कुछ बोले राजस्व सचिव?
बकौल एजेंसी, राजस्व सचिव ने बताया कि हमारी कोशिश होगी कि कानून का मसौदा तैयार किया जाए और इसे संसद में पेश कर मानसून सत्र में पारित कराया जाए। उन्होंने आगे बताया कि कार्यान्वयन तभी प्रभावी होगा, जब राज्य विधानमंडल भी राज्य जीएसटी कानूनों में संशोधन को पारित कर देंगे। इसमें कुछ समय लगेगा।
संजय मल्होत्रा ने बताया कि यह एक स्पष्टीकरण संशोधन है। हमारा मानना है कि ऑनलाइन गेम के परिणाम दांव पर निर्भर करता है... चाहे कौशल का खेल हो या किस्मत का खेल। परिषद ने केवल इस दृष्टिकोण की पुष्टि की है कि ऑनलाइन गेमिंग मंच दी जाने वाली राशि पर 28 प्रतिशत टैक्स लगेगा। उन्होंने कहा कि इस लिहाज यह पूर्वव्यापी नहीं है।
ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां पर लग रहा कम टैक्स
राजस्व सचिव ने कहा कि इस समय ऑनलाइन गेमिंग कंपनियां सकल गेमिंग आय (GGR) पर कम टैक्स का भुगतान कर रही हैं, जो भोजन पर लगने वाले पांच फीसदी टैक्स से भी कम है।
जीएसटी परिषद ने मंगलवार को ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों, कसीनो और घुड़दौड़ में दांव पर लगायी जाने वाली कुल राशि पर 28 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाने का फैसला किया। टैक्स की दर मंत्रियों के एक समूह की सिफारिश के आधार पर तय की गई थी।
जीओएम (मंत्रियों के समूह) के समक्ष यह मुद्दा था कि क्या दांव के टोटल वैल्यू या सकल गेमिंग राजस्व, या सिर्फ प्लेटफॉर्म फीस पर 28 फीसदी जीएसटी लगाया जाए।
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