Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Supreme Court RTI Portal: सुप्रीम कोर्ट का ऑनलाइन RTI पोर्टल शुरू, अब सूचना पाना होगा आसान

    By Jagran NewsEdited By: Tilakraj
    Updated: Thu, 24 Nov 2022 11:10 AM (IST)

    Supreme Court RTI Portal भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का अपना आरटीआई पोर्टल पूरी तरह तैयार है। इस पोर्टल के जरिए लोग सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी जानकारियां प्राप्‍त कर पाएंगे।

    Hero Image
    सुप्रीम कोर्ट का आरटीआई पोर्टल देगा लोगों के सवालों का जवाब

    नई दिल्‍ली, एएनआई। सुप्रीम कोर्ट का आरटीआई पोर्टल (Supreme Court RTI Portal) बनकर तैयार हो गया है। भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट का आरटीआई पोर्टल पूरी तरह तैयार है। इस पोर्टल के जरिए लोग सुप्रीम कोर्ट से जुड़ी सूचना आसानी से प्राप्‍त कर पाएंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सुप्रीम कोर्ट से ऐसे मिलेगी सूचना

    कोई भी आम नागरिक अब सूचना को अधिकार कानून के तहत सुप्रीम कोर्ट से जानकारी पाने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऑनलाइन ऐप्लिकेशन डालने के लिए आपको registry.sci.gov.in/rti_app पोर्टल पर जाना होगा। सूचना के अधिकार के तहत कई संस्‍थानों से लोग जानकारी हासिल करते हैं। सुप्रीम कोर्ट से सूचना पाने का तरीका भी लगभग वैसा ही है। सुप्रीम कोर्ट की जानकारी हासिल करने के लिए पहले आवेदनकर्ता को इसमें अपनी लॉगिन आईडी बनानी पड़ेगी। इसके बाद मांगी जा रही सूचना का फॉर्म भरना होगा। आखिर में 10 रुपये का शुल्क ऑनलाइन देना होगा।

    सुप्रीम कोर्ट भी सूचना अधिकार कानून, 2005 के तहत एक सार्वजनिक कार्यालय 

    बता दें कि देश का सर्वोच्‍च न्‍यायालय भी सूचना अधिकार कानून, 2005 के तहत एक सार्वजनिक कार्यालय है। कानून के तहत इसके कामकाज से जुड़ी सूचना नागरिक मांग सकते हैं। 13 नवंबर 2019 को दिए एक ऐतिहासिक फैसले में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय को भी 'पब्लिक ऑफिस' करार दे चुका है। ऐसे में अब नागरिक सुप्रीम कोर्ट के साथ-साथ मुख्‍य न्‍यायाधीश के जुड़े सवालों के जवाब भी हासिल कर पर पाएंगे। 

    हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के न्‍यायाधीशों के कामकाज की सूचना सार्वजनिक नहीं की जाएगी, क्‍योंकि इससे कई विचाराधीन केस प्रभावित हो सकते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से सुप्रीम कोर्ट के न्‍यायाधीशों से जुड़ी कई जानकारियां भी इस अधिकार के तहत नहीं आती हैं। ऐसे में लोगों को सूचना मांगने से पहले कई बातों का ध्‍यान रखना होगा।

    इसे भी पढ़ें: कम प्रभावी दवाओं से बढ़ेगा महामारी का खतरा, डिजीज एक्स को लेकर साइंटिस्टों में बढ़ी चिंता