Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आर्थिक नीतियों में तब तक दखल नहीं देते, जब तक मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं होता- CJI

    Updated: Sat, 08 Nov 2025 10:30 PM (IST)

    भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि न्यायालय आर्थिक नीतियों में तभी हस्तक्षेप करेगा जब उनसे नागरिकों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन होगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि आर्थिक मामलों में सरकार की नीतियों को चुनौती देना आसान नहीं है। न्यायालय का मानना है कि आर्थिक नीतियां सरकार का अधिकार क्षेत्र हैं, जब तक कि वे मौलिक अधिकारों का हनन न करें।

    Hero Image

    सीजेआई बीआर गवई । (पीटीआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधान न्यायाधीश बीआर गवई ने शनिवार को कहा कि न्यायपालिका हमेशा कानून के शासन की संरक्षक रही है और सुप्रीम कोर्ट ने सुनिश्चित किया है कि वह आर्थिक नीतियों में तब तक दखल नहीं दे, जब तक कि मौलिक अधिकारों या संविधान के अन्य प्रविधानों का उल्लंघन न हो।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    वाणिज्यिक न्यायालयों के स्थायी अंतरराष्ट्रीय मंच की बैठक को संबोधित करते हुए सीजेआइ ने कहा कि वाणिज्यिक और कॉरपोरेट मामलों में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने को लेकर सुप्रीम कोर्ट सतर्क रहा है। उसने कानूनी या कॉरपोरेट ढांचे के दुरुपयोग के हर प्रयास को खारिज किया है।

    आर्थिक नीतियों में दखल नहीं देता है सुप्रीम कोर्ट : सीजेआइ

    सुप्रीम कोर्ट ने यह सुनिश्चित किया है कि वह आर्थिक नीतियों से जुड़े मामलों में तभी दखल दे, जब मौलिक अधिकारों या संविधान के अन्य प्रविधानों का उल्लंघन हो रहा हो। इसी प्रकार न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया है कि किसी भी वाणिज्यिक कानून की व्याख्या न्याय और जनहित को बनाए रखते हुए विधायिका की मंशा के अनुरूप होनी चाहिए।

    जस्टिस गवई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आर्थिक स्वतंत्रता, नियामक अनुशासन और निष्पक्षता के बीच नाजुक संतुलन को लगातार बनाए रखा है। इसने स्पष्ट किया है कि राज्य की शक्तियां, विशेष रूप से कराधान और विनियमन के मामलों में स्पष्ट कानूनी आधार पर टिकनी चाहिए और संविधान की सीमाओं के भीतर काम करना चाहिए।

    नियामक निकायों को वित्तीय स्थिरता और जनता का विश्वास बनाए रखना चाहिए, लेकिन उनके कदम हमेशा उचित और आनुपातिक होने चाहिए।

    (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)