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    'मेरे पति ने हिंदुत्व को स्वीकार नहीं किया', CJI की मां कमला गवई बोलीं– RSS के कार्यक्रम में नहीं जाऊंगी

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Thu, 02 Oct 2025 02:36 AM (IST)

    भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई की मां कमला गवई ने बुधवार (1 अक्टूबर 2025) को कहा कि वह पांच अक्टूबर को महाराष्ट्र के अमरावती में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी। उन्होंने एक खुले पत्र में कहा कि इस खबर से उपजे विवाद और बदनामी के कारण उन्होंने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल न होने का निर्णय लिया है।

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    CJI की मां कमला गवई आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी (फाइल फोटो)

     एएनआई, मुंबई। भारत के मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई की मां कमला गवई ने बुधवार (1 अक्टूबर, 2025) को कहा कि वह पांच अक्टूबर को महाराष्ट्र के अमरावती में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगी। उन्होंने एक खुले पत्र में कहा कि इस खबर से उपजे विवाद और बदनामी के कारण उन्होंने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल न होने का निर्णय लिया है।

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    आरएसएस के कुछ लोग आमंत्रित करने आए थे

    कमला गवई की उम्र करीब 84 साल है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने उन्हें पांच अक्टूबर के कार्यक्रम में आमंत्रित किया था और चूंकि वह सभी के लिए शुभकामनाएं रखती हैं, इसलिए वह सभी का स्वागत करती हैं।

    कमला गवई ने जारी किया खुला पत्र

    उन्होंने पत्र में लिखा कि जैसे ही कार्यक्रम की खबर प्रकाशित हुई, कई लोगों ने न केवल मुझ पर बल्कि स्वर्गीय दादासाहेब गवई (उनके पति, बिहार के पूर्व राज्यपाल आरएस गवई) पर भी आरोप लगाना और आलोचना करना शुरू कर दिया।

    उन्होंने पत्र में लिखा कि हमने (डॉ. बीआर) अंबेडकर की विचारधारा के अनुसार अपना जीवन जिया है, जबकि दादासाहेब गवई ने अपना जीवन अंबेडकरवादी आंदोलन के लिए समर्पित कर दिया था। विभिन्न विचारधाराओं के मंच पर अपनी विचारधारा साझा करना भी महत्वपूर्ण है, जिसके लिए साहस की आवश्यकता होती है।

    मेरे पति वंचितों की आवाज उठाते थे- कमला गवई

    पत्र में आगे कहा गया है कि उनके पति जानबूझकर विपरीत विचारधाराओं वाले संगठनों के कार्यक्रमों में शामिल होते थे और वंचित वर्गों के मुद्दे उठाते थे।

    उन्होंने आगे कहा कि मेरे पति ने आरएसएस के कार्यक्रमों में भाग तो लिया, लेकिन उसके हिंदुत्व को कभी स्वीकार नहीं किया। कमल गवई ने लिखा कि अगर मैं (5 अक्टूबर के आरएसएस कार्यक्रम में) मंच पर होती, तो मैं अंबेडकरवादी विचारधारा को सामने रखती।

    आरएसएस के कार्यक्रम में नहीं जाएंगे कमला गवई

    पत्र में आगे कहा गया है कि जब उन्हें और उनके दिवंगत पति को आरोपों का सामना करना पड़ा और "एक कार्यक्रम के कारण" उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई, तो उन्हें बहुत दुख हुआ और उन्होंने संघ के कार्यक्रम में शामिल न होने का निर्णय लेकर इन सब बातों को समाप्त करने का निर्णय लिया।

    कमला गवई ने यह भी बताया कि उनकी स्वास्थ्य स्थिति ठीक नहीं है और वह चिकित्सा उपचार ले रही हैं।