Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'कमर में दर्द था, कोहनी टिकाकर बैठा...' CJI भी ट्रोलर्स से परेशान, ट्रोलिंग से जुड़ा एक किस्सा सुनाया

    By Agency Edited By: Piyush Kumar
    Updated: Sun, 24 Mar 2024 09:45 AM (IST)

    सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ भी सोशल मीडिया पर मौजूद ट्रोलर्स से परेशान हैं। दरअसल कर्नाटक के 21वें द्विवार्षिक राज्य स्तरीय सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में उन्होंने हिस्सा लिया। समारोह के संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कुछ दिनों पहले कार्यवाही के दौरान उन्होंने पीठ दर्द की वजह से कोहनी कुर्सी पर रख दी थी जिसकी वजह से ट्रोलर्स ने उन्हें ट्रोल कर दिया।

    Hero Image
    सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने ट्रोलिंग से जुड़ा एक किस्सा सुनाया।(फोटो सोर्स: जागरण)

    पीटीआई, बेंगलुरु। सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स से निपटना एक टेढ़ी खीर है। ट्रोलर्स की पहचान कर पाना भी काफी मुश्किल है। सेलिब्रिटिज, राजनेताओं से लेकर सु्प्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश डी वाई चंद्रचूड़ (Chief Justice of India-CJI) भी ट्रोलर्स से परेशान हो चुके हैं। दरअसल, कर्नाटक में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने ट्रोलिंग से जुड़ा एक किस्सा सुनाया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उन्होंने कहा,"चार-पांच दिन पहले में एक मामले की सुनवाई कर रहा था। इस कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग हो रही है। सुनवाई के दौरान मेरी पीठ में थोड़ा दर्द था। पीठ दर्द की वजह से मैंने कोहनी कुर्सी पर रखी और स्थिति (आसन) बदल ली। इसके बाद सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स मुझे ट्रोल करने लगे। लोग कहने लगे कि मैं अहंकारी हूं क्योंकि मैंने कोर्ट में एक महत्वपूर्ण सुनवाई के बीच में उठा था।"

    सीजेआई ने कहा,हालांकि सोशल मीडिया पर ट्रोलर्स ने यह नहीं बताया कि मैंने किस परिस्थित में ऐसा किया।

    सीजेआई ने वकीलों की परेशानी का किया जिक्र

    सीजेआई ने उन दिनों को याद किया जब वो इलाहाबाद हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश थे। उन्होंने कहा जब मैं इलाहाबाद हाई कोर्ट का मुख्य न्यायधाशी था तो मैंने सुना था कि युवा, मध्यम स्तर और वरिष्ठ स्तर के न्यायधीशों के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है।

    उन्होंने कहा,"कभी-कभी न्यायाधीश के रूप में हमारे साथ व्यवहार में वे सीमा लांघ जाते हैं। मैंने देखा कि वकील और वादी अदालत में हमसे बातचीत के दौरान सीमा लांघ जाते हैं, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हम उन पर कोर्ट की अवमानना का केस दायर कर दें। हमें समझना होगा कि उन्होंने ऐसा क्यों किया।"

    लाइफ बैलैंस और स्ट्रैस मैनेजमेंट पर सीजेआई ने क्या कहा?

    सीजेआई ने बातचीत के दौरान कहा,"वर्क-लाइफ बैलैंस और स्ट्रैस मैनेजमेंट का जिक्र किया। उन्होंने कहा तनाव को कम करने और कार्य-जीवन में संतुलन हासिल करने की क्षमता अलग नहीं है, बल्कि पूरी तरह से न्याय देने के साथ जुड़ी हुई है।"

    उन्होंने कहा कि हम अक्सर चिकित्सकों और सर्जनों से कहते हैं, 'खुद को ठीक करें'। दूसरों को ठीक करने से पहले, आपको सीखना चाहिए कि खुद को कैसे ठीक किया जाए। वही न्यायाधीशों के बारे में भी यह सच है।

    यह भी पढ़ें: क्या नितिन गडकरी के बेटे की राजनीति में होगी एंट्री? लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्री ने किया खुलासा