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    सीजेआइ की सलाहः अंदरुनी लड़ाई से दूर रहें वकील, जज

    By Vikas JangraEdited By:
    Updated: Sun, 05 Aug 2018 07:44 AM (IST)

    उनका कहना था कि कर्तव्य पालन के दौरान जब भी ऐसी परिस्थितियां सामने आएं तो उसका बहादुरी के साथ डटकर मुकाबला करें।

    सीजेआइ की सलाहः अंदरुनी लड़ाई से दूर रहें वकील, जज

    नई दिल्ली [प्रेट्र]। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआइ) जस्टिस दीपक मिश्रा ने नए वकील और जजों को अंदरुनी लड़ाई व भटकाव से दूर रहने की सलाह दी है। उनका कहना था कि कर्तव्य पालन के दौरान जब भी ऐसी परिस्थितियां सामने आएं तो उसका बहादुरी के साथ डटकर मुकाबला करें।

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    सीजेआइ शुक्रवार नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के छठे दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने वकील बनने जा रहे छात्रों से कहा, 'आपको ऐसी आदत विकसित करनी है, जिससे आप अंदरुनी कलह और भटकाव से दूर रह सकें। राह में चाहे जितनी भी कठिनाई आए, आपको अडिग व बहादुर बने रहना है।'

    बकौल जस्टिस मिश्रा, 'नए वकीलों के लिए यह बेहद जरूरी है कि वे समाज को बांटने वाली प्रवृत्तियों से वाकिफ हों। सामाजिक सच्चाई को समझे बगैर आप वकील और जज के रूप में अपनी भूमिका के साथ पूरा न्याय नहीं कर पाएंगे।' उन्होंने लोगों के कल्याण को सर्वोच्च कानून बताया।

    सीजेआइ ने उम्मीद जताई, 'वंचित तबके को न्याय दिलाने के लिए नए वकील अपना कुछ समय निकालेंगे। पेशे में ऊंचाई हासिल करने के साथ आम आदमी को न्याय दिलाना भी एक बड़ा काम है।' जस्टिस मिश्रा ने कहा, 'भावी वकीलों को कानून के क्षेत्र में शीर्ष पर पहुंचने की महत्वाकांक्षा पालनी चाहिए। उनमें अपने सपनों को हकीकत में तब्दील करने का साहस भी होना चाहिए।

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