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    मोदी सरकार के इन नए कानूनों से CJI भी खुश, बोले- भारत अब बड़े बदलाव के लिए तैयार

    By Agency Edited By: Mahen Khanna
    Updated: Sat, 20 Apr 2024 03:58 PM (IST)

    D Y Chandrachud सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने नए आपराधिक न्याय कानूनों के लागू होने को समाज के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण बताया है। डी वाई चंद्रचूड़ ने आईपीसी और सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम (एविडेंस एक्ट) को नए कानूनों से बदलने की खूब तारीफ की। सीजेआई ने कहा कि भारत अपनी आपराधिक न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव के लिए तैयार है।

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    D Y Chandrachud सरकार के कानूनों की सीजेआई ने की तारीफ।

    एजेंसी, नई दिल्ली। CJI D Y Chandrachud भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने मोदी सरकार के तीन नए कानूनों की तारीफ की है। सीजेआई ने नए आपराधिक न्याय कानूनों के लागू होने को समाज के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण बताया है। डी वाई चंद्रचूड़ ने आईपीसी और सीआरपीसी और साक्ष्य अधिनियम (एविडेंस एक्ट) को नए कानूनों से बदलने की खूब तारीफ की।

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    भारत जरूरी बदलावों के लिए तैयार

    विधि एवं न्याय मंत्रालय की तरफ से 'आपराधिक न्याय प्रणाली के प्रशासन में भारत का प्रगतिशील पथ' विषय पर आयोजित एक सम्मेलन में बोलते हुए सीजेआई ने कहा कि भारत अपनी आपराधिक न्याय प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव के लिए तैयार है।

    उन्होंने कहा कि नए कानून तभी सफल होंगे जब जिन लोगों पर इन्हें लागू करने का जिम्मा है, वे इन्हें अपनाएंगे।

    कानूनी ढांचे को एक नए युग में बदला गया

    सीजेआई ने कहा कि इन नए कानूनों ने आपराधिक न्याय पर भारत के कानूनी ढांचे को एक नए युग में बदल दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि पीड़ितों के हितों की रक्षा करने और अपराधों की जांच और अभियोजन को कुशलतापूर्वक चलाने के लिए बहुत जरूरी सुधार पेश किए गए हैं।

    1 जुलाई से लागू होंने तीनों नए आपराधिक कानून

    बता दें कि देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को पूरी तरह से बदलने के लिए नए कानून - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1 जुलाई से लागू होंगे।

    हालांकि, वाहन चालकों द्वारा हिट-एंड-रन के मामलों से संबंधित प्रावधान तुरंत लागू नहीं किया जाएगा। तीनों कानूनों को पिछले साल 21 दिसंबर को संसद की मंजूरी मिल गई और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने 25 दिसंबर को अपनी सहमति दे दी।

    सीजेआई ने कहा कि तलाशी और जब्ती की ऑडियो-विजुअल रिकॉर्डिंग अभियोजन के साथ-साथ नागरिकों की नागरिक स्वतंत्रता की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण है। न्यायिक जांच तलाशी और जब्ती के दौरान प्रक्रियात्मक अनौचित्य के खिलाफ नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगी।