'मैं CJI चंद्रचूड़ बोल रहा हूं, 500 रुपये भेजो', अब चीफ जस्टिस के नाम पर ठगी की कोशिश; SC ने खुद लिया एक्शन
Scam in name of CJI मैसेज और कॉल करके ठगी करने के मामलों के बाद अब सीजेआई का एक फर्जी मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें कैब बुक करने के लिए पैसे मांगे जा रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के अनुसार भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ होने का दावा करते हुए एक शख्स ने 500 रुपये की ठगी करने की कोशिश की है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। Scam in name of CJI साइबर ठगी की खबरें आजकल आम होती जा रही है। लेकिन दिल्ली में एक मामला ऐसा आया है, जिसने सबको हैरान कर दिया है। राजधानी में देश के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के नाम पर ठगी हुई है।
साइबर ठगों के हौंसले इतने बढ़ गए हैं कि अब सीजेआई के नाम पर 500 रुपये मांगे गए हैं।
CJI के नाम पर 500 रुपये की ठगी की कोशिश
लोगों को मैसेज और कॉल करके ठगी करने के मामलों के बाद, अब 'सीजेआई' का एक फर्जी मैसेज वायरल हो रहा है। जिसमें कैब बुक करने के लिए पैसे मांगे जा रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के अनुसार, भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ होने का दावा करते हुए एक शख्स ने 500 रुपये की ठगी करने की कोशिश की है।
क्या किया मैसेज?
साइबर अपराधी ने कहा,
नमस्ते, मैं सीजेआई हूं और कॉलेजियम की जरूरी बैठक है और मैं कनॉट प्लेस में फंस गया हूं, क्या आप कैब के लिए 500 रुपये भेज सकते हैं। मैसेज में ये भी लिखा है कि मैं कोर्ट पहुंचने पर पैसे लौटा दूंगा। सुप्रीम कोर्ट ने अब वायरल पोस्ट पर संज्ञान लिया है और मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर साइबर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज की है।
सुप्रीम कोर्ट ने लिया एक्शन
वायरल पोस्ट सामने आते ही सुप्रीम कोर्ट ने खुद संज्ञान लिया है और मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर साइबर धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज की है। हाल ही में साइबर धोखाधड़ी के कई मामले सामने आए हैं, जहां लोगों ने अपराधियों द्वारा कई डिजिटल तरीकों का शिकार होकर लाखों रुपये गंवाए हैं।
तेजी से बढ़ रहे साइबर ठगी के मामले
हाल ही में RBI ने 'डिजिटल पेमेंट्स इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म' स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है, जिसमें भुगतान धोखाधड़ी के जोखिमों को कम करने के लिए उन्नत तकनीकें होंगी। रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा 30 मई को जारी वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, बैंकों द्वारा रिपोर्ट की गई वित्तीय धोखाधड़ी की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है, जो वित्तीय वर्ष 2023-24 में साल दर साल 166 प्रतिशत बढ़कर 36,075 मामलों तक पहुंच गई है।
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