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    2026 तक कूड़े के पहाड़ से मुक्त होंगे शहर, एक हजार शहरों को थ्री स्टार गार्बेज फ्री सिटी बनाने का लक्ष्य

    By Jagran NewsEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Wed, 20 Sep 2023 10:38 PM (IST)

    इस बार स्वच्छता ही सेवा पखवाड़े का आयोजन आवासन और शहरी कार्य ग्रामीण विकास तथा जलशक्ति मंत्रालय मिलकर कर रहे हैं। आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप पुरी ने शहरों में कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने को इस स्वच्छ भारत मिशन की प्राथमिकता बताया है। इसके तहत अक्टूबर 2024 तक एक हजार शहरों को थ्री स्टार गार्बेज फ्री सिटी बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।

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    दिल्ली, महाराष्ट्र और कर्नाटक के शहरों में कूड़े के पहाड़ों की समस्या सबसे अधिक है।

    नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। स्वच्छता ही सेवा पखवाड़े में पूरे देश में साफ-सफाई के अभियान को तेज करने के साथ ही केंद्र सरकार ने 2026 तक शहरों से कूड़े के सभी पहाड़ों को पूरी तरह समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस पखवाड़े की शुरुआत 16 सितंबर से शुरू हुई है और यह 30 सितंबर तक चलना है।

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    क्या कहा हरदीप पुरी ने ?

    इस बार स्वच्छता ही सेवा पखवाड़े का आयोजन आवासन और शहरी कार्य, ग्रामीण विकास तथा जलशक्ति मंत्रालय मिलकर कर रहे हैं। आवासन और शहरी कार्य मंत्री हरदीप पुरी ने शहरों में कूड़े के पहाड़ों को खत्म करने को इस स्वच्छ भारत मिशन की प्राथमिकता बताया है। इसके तहत अक्टूबर 2024 तक एक हजार शहरों को थ्री स्टार गार्बेज फ्री सिटी बनाने का लक्ष्य तय किया गया है।

    इन राज्यों में कूड़े के पहाड़ों की समस्या सबसे अधिक

    दिल्ली, महाराष्ट्र और कर्नाटक के शहरों में कूड़े के पहाड़ों की समस्या सबसे अधिक है। इन राज्यों में कचरे के बोझ ने शहरी विकास को लेकर कई चुनौतियां खड़ी की हैं। इस समस्या को जड़ से समाप्त करने और कचरा निस्तारण का पूरा तंत्र विकसित करने के लिए स्त्रोत पर ही कूड़े को अलग-अलग करने पर जोर देने के लिए स्थानीय निकायों से कहा गया है।

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    इंडियन स्वच्छता लीग सबसे प्रमुख

    मंत्रालय के डाटा के अनुसार पूरे देश के शहरों में 76 प्रतिशत कचरे का निस्तारण हो रहा है और इसे 2026 तक सौ प्रतिशत तक ले जाने के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है। मंत्रालय ने निर्माण गतिविधियों के दौरान निकलने वाले मलबे के निस्तारण के लिए भी विशेष कदम उठाने के लिए कहा है। स्वच्छता अभियान में पिछले कुछ समय से जो प्रयोग किए गए हैं, उनमें शहरों के बीच इंडियन स्वच्छता लीग सबसे प्रमुख है। यह लीग शहरों को साफ-सफाई के लिए प्रतिस्पर्धा करने का अवसर प्रदान करती है।

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