Move to Jagran APP

Christmas In India: LGBTQ+ समुदाय के लिए खुशखबरी, मेघालय के कैथोलिक पादरी दे सकते हैं  समलैंगिक जोड़ों को आशीर्वाद

भारत में अब समलैंगिक जोड़ों को कुछ अधिकार दिए जा रहे हैं। इसी बीच शिलांग के महाधर्मप्रांत ने शुक्रवार को मेघालय में कैथोलिक पादरियों को समलैंगिक जोड़ों को आशीर्वाद देने की अनुमति दी। हालांकि लेकिन स्पष्ट किया कि आशीर्वाद अनौपचारिक शब्दों में होगा। पुजारियों को लिखे एक पत्र में आर्कबिशप विक्टर लिंगदोह ने जानकारी दी कि लिखा कि समलैंगिक जोड़ों को आशीर्वाद चर्च के अनुष्ठान के बिना दिया जाएगा।

By Jagran News Edited By: Piyush Kumar Published: Sun, 24 Dec 2023 10:18 AM (IST)Updated: Sun, 24 Dec 2023 10:18 AM (IST)
मेघालय में कैथोलिक पादरियों को समलैंगिक जोड़ों को आशीर्वाद देने की अनुमति दी गई।(फोटो सोर्स: जागरण)

डिजिटल डेस्क,गुवाहाटी। Same Gender Marriage। दुनियाभर के 34 देशों में समलैंगिक जोड़ों को कानूनी मान्यता दी गई है। समलैंगिक जोड़ों के हक में दुनियाभर में आवाज उठ रहे हैं। कुछ दिनों पहले रोमन कैथोलिक पादरियों को समलैंगिक जोड़ों को आशीर्वाद देने की मंजूरी दी गई।

loksabha election banner

वहीं, भारत में अब समलैंगिक जोड़ों को कुछ अधिकार दिए जा रहे हैं। इसी बीच शिलांग के महाधर्मप्रांत (Archdiocese) ने शुक्रवार को मेघालय में कैथोलिक पादरियों को समलैंगिक जोड़ों को आशीर्वाद देने की अनुमति दी। हालांकि, लेकिन स्पष्ट किया कि आशीर्वाद "अनौपचारिक शब्दों" में होगा।

चर्च के अनुष्ठान के बिना दिया जाएगा आशीर्वाद

पुजारियों को लिखे एक पत्र में आर्कबिशप विक्टर लिंगदोह ने जानकारी दी कि लिखा कि समलैंगिक जोड़ों को आशीर्वाद चर्च के अनुष्ठान के बिना दिया जाएगा। वहीं, पादरी अनौपचारिक तौर पर जोड़ों को आशीर्वाद देंगे।

वेटिकन महिला और पुरुष के बीच ही संबंध को वैध मानता है

कुछ दिनों पहले वेटिकन के सैद्धांतिक कार्यालय की ओर से समलैंगिक जोड़ों को आशीर्वाद देने के लिए दस्तावेज जारी किए गए। दस्तावेज में लिखा गया,"समलैंगिक जोड़ो को दिए जाने वाले आशीर्वाद सिर्फ इस बात का संकेत है कि ईश्वर सबके लिए हैं और वे सबको स्वीकार करते हैं।

हालांकि वेटिकन महिला और पुरुष के बीच ही संबंध को वैध मानता है। चर्च ने अपने इस फैसले पर कहा, “इसे किसी भी तरह से विषमलैंगिक विवाह के संस्कार के साथ भ्रमित नहीं किया जाना चाहिए।”

सुप्रीम कोर्ट का समलैंगिक शादी को मान्यता देने से इनकार

इस साल 17 अक्टूबर को समलैंगिक विवाह को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया। मुख्य न्यायधीश की अध्यक्षता में पांच जस्टिस की संविधान पीठ ने फैसला सुनाते हुए समलैंगिक शादी को मान्यता देने से इनकार कर दिया।

सीजेआई डीवीआई चंद्रचूड़ ने कहा कि कोर्ट का मानना है कि संसद को समलैंगिक विवाह को मान्यता देने के मामले में फैसला करना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में 5 जजों की बेंच ने इस मामले में 11 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया था।

यह भी पढ़ें: Same Gender Marriage को मान्यता देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, पांच जजों का अलग-अलग फैसला


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.