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चीन ने फिर दिखाई दादागिरी, भारतीय सीमा में की घुसपैठ

सीमा पर हर हाल में शांति बनाए रखने के वादों के बावजूद चीन की सेना की दादागीरी और दीदा दिलेरी लगातार बढ़ती जा रही है। चुमार में बीते माह 17 जून को भारतीय चौकी पर लगा निगरानी कैमरा तोड़ने के बाद बीते सप्ताह चीन के करीब 50 सैनिकों ने फिर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय हद लांघी।

By Edited By: Published: Sun, 21 Jul 2013 12:22 PM (IST)Updated: Mon, 22 Jul 2013 09:10 AM (IST)
चीन ने फिर दिखाई दादागिरी, भारतीय सीमा में की घुसपैठ

नई दिल्ली [प्रणय उपाध्याय]। सीमा पर हर हाल में शांति बनाए रखने के वादों के बावजूद चीन की सेना की दादागीरी और दीदा दिलेरी लगातार बढ़ती जा रही है। चुमार में बीते माह 17 जून को भारतीय चौकी पर लगा निगरानी कैमरा तोड़ने के बाद बीते सप्ताह चीन के करीब 50 सैनिकों ने फिर वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारतीय हद लांघी। घोड़ों व खच्चरों पर सवार चीन के गश्ती दल 16 से 17 जुलाई तक लगातार दो दिन तक आते रहे।

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चूमार में आमने-सामने आ गई थी भारत-चीन की सेना

सेना मुख्यालय के सूत्र इस बात की तस्दीक करते हैं कि 16 और 17 जुलाई को चुमार सेक्टर में एक बार फिर चीन और भारत के गश्ती दल आमने-सामने हुए। लगातार दो दिन तक चीन के करीब चार दर्जन सैनिकों का दल एलएसी पर भारतीय हद में दाखिल हुआ। सैन्य सूत्रों के मुताबिक निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार बैनर दिखाए जाने के बाद वह गश्ती दल लौट गया। बताया जाता है कि आमने-सामने की इस स्थिति में चीन के सैनिक अपने को चीन की सीमा में बताते हुए भारतीय गश्ती दल से लौटने के लिए कह रहे थे। दोनों देशों के बीच सीमा को लेकर मतभेद है। सीमा तय न होने के कारण चीन की सेना अपनी धारणा के स्थान तक गश्ती दल को भेजती है।

महत्वपूर्ण है कि चीन की सेना ने गत बुधवार को भी एलएसी पर भारतीय हद लांघी। जबकि उसी दिन प्रधानमंत्री की अगुआई वाली केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा संबंधी समिति ने चीन से सटी सीमा की हिफाजत के लिए नई माउंटेन स्ट्राइक कोर खड़ी करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी। गौरतलब है कि गत 11 जुलाई को भी चीन की सेना के दो हेलीकॉप्टरों ने चुमार सेक्टर में ही भारतीय वायुसीमा भी लांघी थी।

भारत और चीन के बीच अप्रैल और मई के बीच लद्दाख के दिपसांग इलाके में आमने-सामने के सैन्य गतिरोध का समाधान निकालने में तीन हफ्तों का समय लग गया था। लेह से करीब 300 किमी दूर स्थित चुमार सेक्टर चीन की सेना के लिए लंबे समय से किरकिरी का सबब बनता रहा है। चुमार सेक्टर में भारत रणनीतिक तौर पर लाभ की स्थिति में है और वहां से चीन के अहम वेस्टर्न हाइवे तक भारत निगरानी रख सकता है।

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