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    चीन के साथ भारत की दोस्ती का नया दौर

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    Updated: Thu, 18 Sep 2014 08:59 AM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेहद सफल जापान यात्रा से चीन के साथ रिश्तों पर जमी बर्फ को पिघलाने में भारत ने कोई कमी नहीं की। बुधवार को भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के स्वागत में भारत ने पलक पांवड़े बिछा दिए। गुरुवार को नई दिल्ली में चिनफिंग और मोदी जब आधिकारिक स्तर की

    राज्य ब्यूरो, अहमदाबाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बेहद सफल जापान यात्रा से चीन के साथ रिश्तों पर जमी बर्फ को पिघलाने में भारत ने कोई कमी नहीं की। बुधवार को भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर यहां पहुंचे चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के स्वागत में भारत ने पलक पांवड़े बिछा दिए। गुरुवार को नई दिल्ली में चिनफिंग और मोदी जब आधिकारिक स्तर की बातचीत के लिए मिलेंगे तब उनके बीच कूटनीतिक, आर्थिक समेत कई समाजिक सहयोग के मुद्दों पर चर्चा होगी। दोनों नेता लगभग दर्जन भर सहयोग समझौते पर सहमति बना कर द्विपक्षीय रिश्ते को नए आयाम देने की कोशिश करेंगे। चिनफिंग भारत के दौरे पर आए चीन के तीसरे राष्ट्रपति हैं। इससे पहले 2006 में हू जिंताओ और 1996 में राष्ट्रपति जियांग जेमिन भारत आए थे। चिनफिंग की इस यात्रा को चीन के साथ दोस्ती के नए दौर के रूप में देखा जा रहा है।

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    राष्ट्रपति चिनफिंग और उनकी पत्नी पेंग लीयुआन की मेजबानी में परंपराओं को आड़े नहीं आने दिया गया। गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेन स्वयं हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी के लिए मौजूदा थीं। पहली बार अहमदाबाद के हवाई अड्डे पर किसी राष्ट्राध्यक्ष को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। जब राष्ट्रपति चिनफिंग होटल हयात पहुंचे तो प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं उनका फूलों के गुलदस्ते से स्वागत किया। साड़ी में सजी धजी युवतियों ने चिनफिंग व पेंग लियुआन को केसर व चंदन का तिलक लगाकर भारतीय परंपरा के अनुसार स्वागत किया। हाल के दिनों में यह पहली बार है जब प्रधानमंत्री ने सारे प्रोटोकाल को तोड़कर होटल में राष्ट्राध्यक्ष की आगवानी की। जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबी ने भी मोदी का परंपरा को तोड़कर स्वागत किया था। चीनी राष्ट्रपति के आगमन पर पूरे अहमदाबाद में अंग्रेजी, गुजराती और चीनी भाषा मैंड्रियन में लिखे स्वागत तोरणद्वार लगाए गए हैं।

    मोदी की अगुआई में चिनफिंग ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विश्वविख्यात साबरमती आश्रम का भ्रमण किया। उसके समीप स्थित साबरमती नदी किनारे बनाए गए विशेष स्थल पर मोदी और चिनफिंग साथ-साथ गए। यहां पर गुजराती नृत्य व कला का खास तौर पर आयोजन किया गया था। यहां प्रदर्शित होने वाले हर कला के बारे में मोदी ने चिनफिंग को बताया। चीनी राष्ट्रपति ने गरबा डांस के बारे में खास तौर पर पूछा। मोदी ने गुजरात के बौद्ध दर्शन के साथ पुराने रिश्ते के बारे में भी विस्तार से बताया। दोनों नेताओं ने गुजरात के मशहूर सांखेड़ा झूलों का भी आनंद लिया। बाद में दोनों नेताओं की उपस्थिति में भारत और चीन के बीच तीन समझौते पर हस्ताक्षर भी किए गए। इनमें चीन के तीसरे सबसे बड़े शहर ग्वांगझोउ और अहमदाबाद को 'सिस्टर सिटी' घोषित किया गया है। दूसरा समझौता गुजरात में औद्योगिक पार्क लगाने से संबंधित है। यह पार्क चाइना डेवलपमेंट बैंक की तरफ से लगाया जाएगा। तीसरा समझौता चीन के राज्य गोवांगडोंग और गुजरात के बीच आसपी औद्योगिक, समाजिक, विज्ञान-तकनीक, पर्यटन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सहयोग स्थापित करने से संबंधित है।

    दर्जन भर होंगे समझौते:

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चिनफिंग की अगुआई में गुरुवार को होने वाली शिखर वार्ता पर सिर्फ भारत व चीन की ही नहीं बल्कि दुनिया के अन्य देशों की भी निगाहें लगी हुई हैं। दोनों पक्ष आपसी रिश्ते को नई उंचाई पर ले जाने को तैयार हैं। इस बातचीत में रक्षा, उद्योग, विज्ञान व तकनीकी, ऊर्जा समेत दर्जन भर क्षेत्रों में आपसी सहयोग के समझौते होने के आसार हैं।

    प्रधानमंत्री बनने से पहले अपने चुनावी भाषणों में चीन की विस्तारवादी नीतियों और तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार की चुप्पी पर मोदी काफी बोलते रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि चीन के राष्ट्रपति के समक्ष वह सीमा विवाद से जुड़े मुद्दों पर अपनी बात पूरे दमखम के साथ रखेंगे। जापान की बेहद सफल यात्रा के बाद मोदी के सामने यह साबित करने की चुनौती होगी कि उनमें चीन को भी साधने की क्षमता है।

    लीयुआन के गाने का गुजराती मिक्स:

    राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भारतीय मेजबानी का पूरा आनंद लिया। उन्होंने न सिर्फ यहां लोक कलाकारों के नृत्य को देखा और सराहा, बल्कि गरबा का भी आनंद लिया। साबरमती नदी किनारे बनाए गए विशेष स्थान पर गुजराती कलाकारों ने चिनफिंग की पत्नी पेंग लीयुआन के गाने को गुजराती रीमिक्स में पेश कर माहौल में दोस्ती का रंग घोला। इस पेशकश को लीयुआन ने काफी सराहा। लीयुआन चीन की एक नामी गायिका हैं।

    चिनफिंग ने पहनी खादी की जैकेट:

    साबरमती आश्रम में मोदी ने चिनफिंग को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को जोहांसबर्ग में 1908 में स्थानीय चीनी समुदाय की तरफ से भेंट प्रशस्ति पत्र की फोटो प्रतिलिपि और चरखा भेंट किया। आश्रम में चीनी राष्ट्रपति ने चरखा भी चलाया। इस अवसर पर उन्हें भगवत गीता और चीनी भाषा में लिखी गई गांधीजी की आत्मकथा की प्रति भी भेंट की गई। चीनी राष्ट्रपति को खादी की एक जैकेट भी भेंट गई जिसे उन्होंने तुरंत पहन लिया।

    परोसी गई गुजराती थाली:

    चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और उनकी पत्‍‌नी को बुधवार की शाम खाने में शाकाहारी गुजराती थाली परोसी गई, जिसमें ढोकला से लेकर खिचड़ी तक बीस से भी अधिक व्यंजन थे।

    गुजरात सरकार के प्रवक्ता और राज्य के वरिष्ठ मंत्री नितिन पटेल ने कहा कि उन लोगों ने निश्चित रूप से इसका आनंद लिया। खाने की मेज पर प्रधानमंत्री मोदी और गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल राष्ट्रपति और उनकी पत्‍‌नी के आमने सामने बैठे थे। इस प्रीति भोज में दोनों देशों के 11-11 लोग शामिल हुए। गुजराती परंपरा केतहत थाली से पहले शुरुआत ढोकला, खांडवी, खस्ता कचौड़ी परोस कर हुई। राष्ट्रपति और उनकी पत्‍‌नी को राजवाड़ी छाछ भी परोसा गया।

    गुजराती थाली में बैंगन और मेथी की साग, खट्टी-मीठी दाल, विशेष तरह से पकाई गई मिक्स सब्जी, भिंडी की सब्जी, आलू और टमाटर की रसदार सब्जी, बासमती चावल और बादशाही खिचड़ी थी। इसके अलावा चपाती, मेथी का थेपला ,आम का श्रीखंड और हलवा भी पेश किया।

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