Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    चीन ने पाकिस्‍तान को दिया जोर का झटका, तो भारत के लिए आई एक अच्‍छी खबर

    By Kamal VermaEdited By:
    Updated: Thu, 29 Nov 2018 05:10 PM (IST)

    चीन की तरफ से आया एक संदेश पाकिस्‍तान के लिए परेशानी की वजह बन सकता है। यह संदेश दोनों देशों के रिश्‍तों में खटास भी ला सकता है।

    चीन ने पाकिस्‍तान को दिया जोर का झटका, तो भारत के लिए आई एक अच्‍छी खबर

    नई दिल्ली [जागरण स्‍पेशल]। चीन ने पाक अधिकृत कश्‍मीर को भारत का हिस्‍सा बताकर अपने पुराने और सबसे करीबी दोस्‍त को जोरदार झटका दिया है। यह निश्चित तौर पर भारत के लिए एक अच्‍छी खबर भी है। यह मामला ऐसा है जिसको पाकिस्‍तान कभी बर्दाश्‍त नहीं कर सकेगा। चीन के रुख में आए इस बदलाव की बड़ी वजह हाल ही में पाकिस्‍तान के वाणिज्‍य दूतावास में हुए आत्‍मघाती हमले को माना जा रहा है। 23 नवंबर को हुए इस हमले में सुरक्षाकर्मियों ने एक घंटे के संघर्ष के बाद तीन आतंकियों को ढेर कर दिया था। लेकिन इस हमले ने एक संदेश चीन तक तुरंत प्रसारित कर दिया, वो ये था कि वहां पर चीन को लेकर असंतोष पनप रहा है। दरअसल, इसकी वजह कहीं न कहीं पाकिस्‍तान में बन रहा इकनॉमिक भी है। इसको लेकर पाकिस्‍तान में जबरदस्‍त गुस्‍सा है। इस गुस्‍से की वजह ये भी है क्‍योंकि वहां के लोगों को इतने बड़े प्रोजेक्‍ट में जो भागीदारी मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिल सकी है। इसको लेकर समय-समय पर पाकिस्‍तान के विभिन्‍न इलाकों खासतौर पर बलूचिस्‍तान में काफी प्रदर्शन हुए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चीन की नीति में बदलाव का संकेत
    चीन ने जिस तरह से अपने पहले के बयानों से उलट बयान दिया है इसे भारत को लेकर चीन की नीति में बड़े बदलाव का संकेत देखा जा रहा है। इससे पहले चीन पाक अधिकृत कश्‍मीर के हिस्‍से को पाकिस्‍तान या फिर विवादित क्षेत्र बताता आया है। इसका भारत हर मोर्चे पर विरोध भी करता आया है। यहां तक की जब चीन ने प्रोजेक्‍ट में भारत से शामिल होने की बात कही थी उस वक्‍त भी भारत ने साफ कर दिया था कि जिस इलाके में यह प्रोजेक्‍ट बन रहा है वह भारतीय क्षेत्र है और यहां पर बिना भारत की इजाजत के किसी प्रोजेक्‍ट को नहीं बनाया जाना चाहिए।

    क्‍यों दी जा रही बयान को तवज्‍जो
    चीन की तरफ से आई इस बात को इसलिए भी ज्‍यादा तवज्‍जो दी जा रही है क्‍योंकि यह सब कुछ चीन के सरकारी चैनल सीजीटीएन द्वारा अपनी रिपोर्टिग के दौरान कहा गया है। दरअसल, सीजीटीएन चैनल ने शुक्रवार को पाकिस्तान के उच्च सुरक्षा वाले शहर कराची में चीनी वाणिज्य दूतावास पर हुए आत्मघाती हमले की खबर दिखाते हुए गुलाम कश्मीर को भारतीय नक्शे में दर्शाया था। नक्शे में पूरे जम्मू-कश्मीर को भारतीय प्रदेश के रूप में दिखाया गया। यह स्पष्ट नहीं है कि चैनल ने यह कदम किसी विशेष नीति के तहत उठाया है, या गलती से।

    क्‍या कहते हैं जानकार
    हालांकि कैबिनेट सचिवालय के पूर्व अधिकारी तिलक देवाशेर समेत कुछ अन्य पूर्व राजनयिकों का कहना है कि चीन का सरकारी चैनल गलती से ऐसा नहीं कर सकता। निश्चित तौर पर अपने अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित चीन ने पाकिस्तान को सख्त संदेश देने की कोशिश है। पाकिस्तान की सुरक्षा व्यवस्था से चीन हताश है। सीपीईसी में गुलाम कश्मीर के महत्व को देखते हुए यह पाकिस्तान के लिए संकेत है। इस बदलाव पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया का इंतजार है।

    क्‍या होगा असर
    गुलाम कश्मीर को भारत का हिस्सा मानने की नीति से चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजना पर भी असर पड़ सकता है। इस गलियारे का बड़ा हिस्सा गुलाम कश्मीर से होकर गुजर रहा है। भारत ने इस परियोजना पर चीन और पाकिस्तान के समक्ष कई बार अपनी आपत्ति दर्ज कराई है। इस परियोजना से पहले भी चीन ने गुलाम कश्मीर में व्यापक निवेश किया है, जिस पर भारत सख्त आपत्ति जता चुका है।

    पहली बार साथ आए 201 किसान संगठन, दिल्‍ली में फिर लगने वाला है जबरदस्‍त जाम

    कभी भारत से ही बंदी बनाकर विदेशों में ले जाए गए थे रोमा समुदाय के लोग, जानें इनकी पूरी कहानी

    NOTA को अहमियत देने के लिए काननू में कुछ प्रावधान तय करने की जरूरत