Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    SCO Meeting: बैठक में शामिल होने भारत आएंगे चीन के रक्षा मंत्री, पाकिस्तान की ओर से नहीं हुई पुष्टि

    By AgencyEdited By: Shalini Kumari
    Updated: Sun, 23 Apr 2023 03:50 PM (IST)

    27 और 28 अप्रैल को एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक आयोजिक की गई है जिसमें चीन के विदेश मंत्री ली शांगफू शामिल होने वाले हैं। हालांकि इस बैठक के लिए पाकिस्तान की ओर से कोई पुष्टि नहीं की गई है।

    Hero Image
    एससीओ रक्षा मंत्री की बैठक में शामिल होंगे चीनी रक्षा मंत्री

    नई दिल्ली, एएनआई। चीनी रक्षा मंत्री ली शांगफू अगले सप्ताह आयोजित होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में शामिल होंगे। रक्षा अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी।

    28 अप्रैल को होगी विदेश मंत्रियों की बैठक

    रक्षा अधिकारियों ने बताया कि इस बैठक में शामिल होने के लिए पाकिस्तानी पक्ष ने अभी तक कोई पुष्टि नहीं की है। एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक 27 और 28 अप्रैल को होने वाली है। 2020 की गलवान घाटी में हुई झड़पों के बाद, यह पहली बार है जब कोई चीनी रक्षा मंत्री भारत का दौरा करेंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पिछले महीने चीन के रक्षा मंत्री बनाए गए ली शांगफू

    अमेरिका द्वारा स्वीकृत जनरल ली शांगफू को एक महीने पहले चीन के नए रक्षा मंत्री के रूप में नामित किया गया था। उनकी नियुक्ति बीजिंग और वाशिंगटन के बीच बढ़ते तनावपूर्ण संबंधों के बीच हुई है। एयरोस्पेस विशेषज्ञ ली शांगफू ने  सर्वसम्मति से नेशनल पीपुल्स कांग्रेस द्वारा निवर्तमान रक्षा प्रमुख वेई फेंघे की जगह ली है। चीन और भारत के बीच सीमा

    5 मई को गोवा में होगी एससीओ की बैठक

    एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक के बाद 5 मई को गोवा में विदेश मंत्री की बैठक होनी है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी इसमें हिस्सा लेने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। एससीओ के सदस्य देश भारत, रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान और पाकिस्तान हैं।

    लंबे समय से भारत और चीन का रहा सीमा विवाद

    चीन और भारत के बीच लंबे समय से सीमा उल्लंघन को लेकर विवाद होता रहा है। ऐसी ही एक मामला दिसंबर 2022 में अरुणाचल प्रदेश में देखा गया था। उसी के संबंध में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 13 दिसंबर, 2022 को संसद के दोनों सदनों को सूचित किया कि चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के सैनिकों ने अरुणाचल प्रदेश तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार करने और एकतरफा स्थिति बदलने की कोशिश की।

    सैन्य कमांडर ने किया हस्तक्षेप

    राजनाथ सिंह ने कहा था, "उस दौरान भारतीय सैन्य कमांडरों के समय पर हस्तक्षेप के कारण वे अपने स्थानों पर वापस चले गए। हाथापाई में दोनों पक्षों के कुछ कर्मियों को चोटें आईं और हमारी तरफ से कोई घातक या गंभीर हताहत नहीं हुआ।"

    2020 का टकराव चार दशकों में सबसे घातक

    उससे पहले जून 2020 में गलवान में उस समय झड़प देखने को मिली थी, जब चीनी सैनिकों ने आक्रामक तरीके से पूर्वी लद्दाख में एलओसी पर यथास्थिति बदलने की कोशिश की थी। 15 जून और 16 जून, 2020 को भी गलवान घाटी की झड़प हुई थी, जिसमें बीस भारतीय सैनिक शहीद हो गए।

    साल 2020 में हुई झड़प पिछले चार दशकों में भारत और चीन के बीच सबसे घातक टकराव था। हालांकि, 2020 में गलवान झड़प के बाद गतिरोध को सुलझाने के लिए कई दौर की सैन्य और कूटनीतिक बातचीत हो चुकी है।