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    चीनी AI एप DeepSeek से साइबर सुरक्षा को खतरा, सरकार इस्तेमाल को लेकर जल्द जारी कर सकती है दिशा-निर्देश

    डीपसीक को लेकर भारत सचेत हो गया है। इलेक्ट्रॉनिक्स व आइटी मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक डीपसीक के इस्तेमाल से डाटा निजता और साइबर सुरक्षा को लेकर खतरा है। इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय से जुड़ी एजेंसी डीपसीक की प्रामाणिकता की जांच कर रही है। मंत्रालय के मुताबिक डीपसीक को भारत के सर्वर पर जांचने से यह पता चल जाएगा कि इससे कहीं कोई डाटा लीक तो नहीं हो रहा है।

    By rajeev kumar Edited By: Deepak Vyas Updated: Tue, 11 Feb 2025 10:23 PM (IST)
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    चीनी AI एप DeepSeek से साइबर सुरक्षा को खतरा। फोटो: जागरण

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चीन के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एप डीपसीक को दुनियाभर में शक की निगाह से देखे जाने के बाद भारत भी इस एप को लेकर सचेत दिख रहा है। जल्द ही डीपसीक के इस्तेमाल को लेकर सरकार सलाह जारी कर सकती है। इलेक्ट्रॉनिक्स व आइटी मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक डीपसीक के इस्तेमाल से डाटा निजता और साइबर सुरक्षा को लेकर खतरा है।

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    वित्त मंत्रालय ने हाल ही में डीपसीक एआई के इस्तेमाल को लेकर सचेत रहने के लिए कहा है। दक्षिण कोरिया ने डीपसीक पर जासूसी का आरोप लगाते हुए अपने कर्मचारियों द्वारा इसके इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिका व आस्ट्रेलिया जैसे देश भी चीन के एआई मॉडल डीपसीक की निजता सुरक्षा व डाटा प्रबंधन नीति पर शंका जाहिर कर चुके है।

    डीपसीक की प्रामाणिकता की जांच कर रहा आईटी मंत्रालय

    सूत्रों के मुताबिक इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्रालय से जुड़ी एजेंसी डीपसीक की प्रामाणिकता की जांच कर रही है। मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक डीपसीक विभिन्न तरीके से डाटा को ले रहा है। भारतीयों के इस डाटा को डीपसीक किसी अन्य जगह पर भी दे सकता है और इसके लिए डीपसीक जिम्मेदार नहीं होगा। इस डाटा का किस रूप में इस्तेमाल किया जाएगा, इसे लेकर मंत्रालय चिंतित है।

    क्या कहा था आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने?

    • दुनिया के सामने डीपसीक के आने के बाद ही भारत सरकार इसके मूल्यांकन में जुट गया था। इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि डीपसीक ओपन एआई है, इसलिए भारत के सर्वर पर इसका मूल्यांकन व इसे होस्ट किया जा सकता है। उसके बाद डीपसीक का उपयोग डाटा के लिहाज से सुरक्षित होगा।
    • मंत्रालय के मुताबिक डीपसीक को भारत के सर्वर पर जांचने से यह पता चल जाएगा कि इससे कहीं कोई डाटा लीक तो नहीं हो रहा है या इस्तेमाल करने वालों की ट्रैकिंग जैसी चीजें तो नहीं हो रही है।

    भारतीय सर्वर पर डीपसीक के होस्टिंग का दावा

    डीपसीक के इस्तेमाल को लेकर आशंकाओं के बीच भारतीय एआई एप क्रुत्रिम ने दावा किया है कि डीपसीक का होस्टिंग भारतीय सर्वर पर शुरू हो गया है। कृ​त्रिम एप को विकसित करने वाले एवं ओला के संस्थापक भविश अग्रवाल ने एक्स प्लेटफार्म पर कहा कि हम डीपसीक के इस्तेमाल को लेकर सशंकित हैं, लेकिन भारतीय सर्वर पर होस्टिंग से सुरक्षित तरीके से इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

    कम कीमत पर उपयोग कर सकेंगे डीपसीक का

    उन्होंने दावा कि दुनिया में पहली बार डीपसीक-आर1 671बी को किसी अन्य सर्वर पर होस्टिंग किया गया है। भारतीय अब डीपसीक का इस्तेमाल काफी कम कीमत पर कर सकेंगे। अग्रवाल ने कहा कि चीन के स्टार्टअप से सावधान रहने की जरूरत है, लेकिन भारतीय सर्वर पर आने के बाद देश की प्रगति में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।