China Tibet Issue: तिब्बत की निर्वासित सरकार के राष्ट्रपति त्सेरिंग बोले- लोकतांत्रिक देशों को चीन के खिलाफ आना होगा साथ
तिब्बती नेता ने दलाई लामा के उत्तराधिकारी चुनने और क्षेत्र में चीन द्वारा प्रभुत्व बढ़ाने जैसे मुद्दों पर भारत के स्पष्ट रूप से बोलने का महत्व भी रेखांकित किया। कहा कि दुनिया में चीन के रणनीतिक लक्ष्यों और योजनाओं के प्रति बहुत कम समझ है और इसके प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। निर्वासित नेता ने चीन पर तिब्बत के अस्तित्व के ऐतिहासिक आधार को नष्ट करने का आरोप लगाया।

पीटीआई, नई दिल्ली। तिब्बत की निर्वासित सरकार के राष्ट्रपति पेंपा त्सेरिंग ने कहा कि चीन के दमन के कारण तिब्बत के लोग धीमी मौत मर रहे हैं। इस दौरान उन्होंने दुनियाभर के लोकतांत्रिक देशों से चीन की हठधर्मिता के खिलाफ एक साथ आने का आह्वान किया।
वह पंचेन लामा पर जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि दुनियाभर के लोकतांत्रिक देशों को तिब्बतियों, उइगर नेताओं और हांगकांग में लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं जैसी आंतरिक ताकतों को देखना चाहिए, जिससे बीजिंग पर उसके आक्रामक रवैये को छोड़ने और देश में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए दबाव डाला जा सके।
भारत के महत्व को रेखांखित किया
तिब्बती नेता ने दलाई लामा के उत्तराधिकारी चुनने और क्षेत्र में चीन द्वारा प्रभुत्व बढ़ाने जैसे मुद्दों पर भारत के स्पष्ट रूप से बोलने का महत्व भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि दुनिया में चीन के रणनीतिक लक्ष्यों और योजनाओं के प्रति बहुत कम समझ है और इसके प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। निर्वासित नेता ने चीन पर तिब्बत के अस्तित्व के ऐतिहासिक आधार को नष्ट करने का भी आरोप लगाया।
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