अमेरिका के टैरिफ से घुटनों पर आया ड्रैगन! अब भारत में इंवेस्ट करेंगी चीनी कंपनियां, मानसरोवर यात्रा पर होगा बड़ा एलान
चीन की तरफ से उक्त कदम तब उठाये जा रहे हैं कि जब बुधवार को अमेरिका ने चीन से आयातित उत्पादों पर आयात शुल्क की दर को बढ़ा कर 254 फीसद कर दिया। चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग मलेशिया के दौर पर हैं जहां उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की है कि चीन उनका अमेरिका से ज्यादा भरोसेमंद मित्र देश है। इसके पहले वह विएतनाम की यात्रा पर थे।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिका और चीन के बीच कारोबारी युद्ध तेज हो गया है। ऐसे में भारत समेत अन्य पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को लेकर भी ड्रैगन के रुख में बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। चीन सरकार ने इस साल एक जनवरी से नौ अप्रैल, 2025 तक ना सिर्फ 85 हजार भारतीयों को वीजा दिया है, बल्कि और ज्यादा भारतीयों को चीन भ्रमण के लिए अपने वीजा नियमों को आकर्षित बनाने की भी घोषणा की है।
यही नहीं द्विपक्षीय वार्ताओं में भारतीय अधिकारियों को चीन ने यह संकेत भी दिया है कि वह दोनों देशों की राजधानियों के बीच जल्द से जल्द हवाई संपर्क स्थापित करने को इच्छुक है और इस बारे में भारतीय एजेंसियों को तेजी दिखानी चाहिए। इसी वर्ष से मानसरोवर यात्रा की शुरुआत तक करने की पूर्व में बनी सहमति को भी अगले एक-दो दिनों के भीतर ही लागू करने को लेकर घोषणा किये जाने की तैयारी है।
भारत से एक्सपोर्ट करेंगी चीनी कंपनियां
इसी बीच बुधवार को चीन की स्मार्ट फोन निर्माता कंपनी रीयलमी ने भारत की इलेक्ट्रोनिक निर्माता कंपनी ऑप्टीमस इलेक्ट्रोनिक्स के साथ मिलकर आर्टिफिशिएल इंटेलीजेंस ऑथ थग्स (एआईओटी) भारत में उत्पाद बनाने और भारत को अपने उत्पादों के लिए एक प्रमुख निर्यात स्त्रोत स्थल के तौर पर स्थापित करने की घोषणा की है।
चीन की कुछ मोबाइल निर्माता कंपनियां पहले से ही यहां एसेंबलिंग करने लगी हैं लेकिन यह पहला मौका है, जब चीन की किसी कंपनी ने भारत को अपने उत्पादों के निर्माण व वैश्विक निर्यात स्थल के तौर पर चिन्हित करने का फैसला है। रीयलमी और ऑप्टीमस ने कहा है कि वह भारत में सालाना 50 लाख उत्पादों (स्मार्टफोन, स्मार्टवॉच, टैब्स आदि) का निर्माण करेंगी और दो हजार लोगों को रोजगार देंगी।
भारतीयों को आसानी से मिल रहा वीजा
- बाजार के सूत्रों का कहना है कि चीन की शिओमी और ओप्पो जैसी दूसरी कंपनियां भी भारत में अपने मैन्यूफैक्चरिंग बेस को ज्यादा विस्तार करने की तैयारियों में हैं। बहरहाल, चीन की कंपनियों की इन तैयारियों से भारत सरकार की मेक इन इंडिया कार्यक्रम को बल मिलना तय है।
- सूत्रों ने बताया है कि चीन सरकार ने भारत स्थित अपने दूतावास की संख्या भी धीरे-धीरे बढ़ानी शुरू कर दी है। अब भारतीय नागरिकों के लिए वीजा लेने की प्रक्रिया को आसान बना दिया गया है। चीनी दूतावास से साक्षात्कार के लिए पहले से आवेदन लेने की बाध्यता समाप्त कर दी गई है। वीजा फीस में भी कटौती की गई है।
- चीन सरकार की तरफ से यह सकारात्मक कदम तब उठाया गया है, जब दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को सामान्य बनाने की लगातार कोशिश हो रही है। वर्ष 2020 से पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के घुसपैठ से उत्पन्न हुई स्थिति को समाप्त करने के लिए अक्टूबर, 2024 में पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग की बैठक में बनी सहमति को धीरे-धीरे करके लागू किया जा रहा है। इसमें मानसरोवर यात्रा को शुरू करने और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ान सेवा की शुरुआत करने पर भी काम हो रहा है।
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