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    चीनी राजदूत ने भारत पर अमेरिकी टैरिफ को बताया अतार्किक, दोनों देशों के बीच सहयोग पर दिया जोर

    Updated: Mon, 08 Sep 2025 11:30 PM (IST)

    चीन के राजदूत शु फेहोंग ने भारत और चीन के बीच ऐतिहासिक संबंधों पर जोर दिया। उन्होंने जापानी आक्रमण के खिलाफ चीन के युद्ध में भारत के समर्थन को सराहा और लेडो रोड के निर्माण में भारतीय श्रमिकों के योगदान को याद किया। उन्होंने महात्मा गांधी के चीन के प्रति समर्थन का भी उल्लेख किया।

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    चीनी राजदूत ने भारत पर अमेरिकी टैरिफ को बताया अतार्किक (एएनआई)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चीन के भारत में राजदूत शु फेहोंग ने जापानी आक्रमण के खिलाफ चीनी जन युद्ध और विश्व एंटी-फासिस्ट युद्ध की विजय की 80वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित एक सेमिनार में चीन और भारत के बीच ऐतिहासिक संबंधों और साझा सहयोग पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा कि भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाना अनुचित और अतार्किक है।

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    अमेरिका टैरिफ को व्यापारिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। हमें किसी भी प्रकार के टैरिफ और व्यापार युद्धों का दृढ़ता से विरोध करना चाहिए। संयुक्त रूप से बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली का समर्थन करना चाहिए, विकासशील देशों के सामान्य हितों की रक्षा करनी चाहिए और वैश्विक दक्षिण के सामूहिक उत्थान में योगदान देना चाहिए।

    शु फेहोंग ने महात्मा गांधी को किया याद

    शु फेहोंग ने सोमवार को सेमिनार में जापान से युद्ध के दौरान भारतीय समर्थन को याद करते हुए कहा, ''चीनी लोग उन कठिन समय में अडिग समर्थन को कभी नहीं भूलेंगे.. बड़ी संख्या में भारतीय श्रमिकों ने लेडो रोड के निर्माण में भाग लिया, जिसने जापान के भूमि नाकेबंदी को तोड़ा। इसी प्रकार महात्मा गांधी ने कहा था, 'मेरा दिल चीन के लोगों के प्रति गहरी सहानुभूति और उनके साहसी संघर्ष और अपने देश की स्वतंत्रता के लिए अनंत बलिदानों की प्रशंसा करता है।'

    शु फेहोंग ने भारतीय चिकित्सा पेशेवरों के योगदान पर कहा, ''डा. कोटनीस ने अग्रिम मोर्चे के निकट चिकित्सा स्टेशन स्थापित किए, जहां उन्होंने अनगिनत चीनी सैनिकों और नागरिकों की जान बचाई।''

    चीन-भारत मित्रता और सहयोग को बढ़ावा दे- शु फेहोंग

    उन्होंने कहा, ''इतिहास को नहीं बदला जा सकता, लेकिन भविष्य को आकार दिया जा सकता है। आइए हम इतिहास से सबक लें, चीन-भारत मित्रता और सहयोग को एक अधिक सक्रिय दृष्टिकोण से बढ़ावा दें और मानवता के लिए एक साझा भविष्य का निर्माण करें।''

    वैश्विक सहयोग पर शु फेहोंग ने कहा, ''चीन और भारत वैश्विक दक्षिण के महत्वपूर्ण सदस्य के रूप में अंतरराष्ट्रीय न्याय और निष्पक्षता को बनाए रखने और वैश्विक शांति और समृद्धि को बढ़ावा देने के लिए एक साथ काम करना चाहिए।''

    चीन और भारत के बीच नजदीकी आर्थिक और व्यापारिक संबंध

    उन्होंने आर्थिक और जनसंपर्क संबंधों पर जोर देते हुए कहा, ''चीन और भारत के बीच नजदीकी आर्थिक और व्यापारिक संबंध हैं। इस वर्ष की शुरुआत से भारत में चीनी दूतावासों ने भारतीय नागरिकों को 2,40,000 से अधिक वीजा जारी किए हैं। हम सभी क्षेत्रों में राजनीतिक दलों, विधानसभाओं, थिंक टैंक्स, मीडिया और युवाओं के साथ आदान-प्रदान को बढ़ाने के लिए तैयार हैं, ताकि जनसंपर्क को बढ़ावा दिया जा सके।''

    (समाचार एजेंसी एएनआइ के इनपुट के साथ)

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