चीन और रूस कर रहे बड़ी परियोजना पर काम, चंद्रमा पर परमाणु संयंत्र स्थापित करने पर कर रहे चर्चा
रूस के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन (आइएलआरएस) को लेकर कार्य कर रहा चीन इसे ऊर्जा प्रदान करने के लिए चंद्रमा पर एक परमाणु संयंत्र बनाने पर विचार कर रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा बुधवार को दी गई प्रस्तुति में यह बात कही गई है। चीन का लक्ष्य 2030 तक एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति बनना और अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर उतारना है।

रॉयटर, शंघाई। रूस के साथ मिलकर अंतरराष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन (आइएलआरएस) को लेकर कार्य कर रहा चीन इसे ऊर्जा प्रदान करने के लिए चंद्रमा पर एक परमाणु संयंत्र बनाने पर विचार कर रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी द्वारा बुधवार को दी गई प्रस्तुति में यह बात कही गई है।
चीन का लक्ष्य 2030 तक एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति बनना
चीन का लक्ष्य 2030 तक एक प्रमुख अंतरिक्ष शक्ति बनना और अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर उतारना है। 2028 के लिए नियोजित चांग-ई-8 मिशन एक स्थायी मानवयुक्त चंद्र बेस के निर्माण के लिए आधार तैयार करेगा।
शंघाई में एक प्रेजेंटेशन के दौरान 2028 मिशन के मुख्य इंजीनियर पेई झाओयू ने दिखाया कि चंद्र बेस की ऊर्जा आपूर्ति बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा प्रणालियों, और चंद्रमा की सतह पर उत्पन्न की गई हीटिंग और बिजली के लिए पाइपलाइनों और केबलों पर भी निर्भर होगी।
रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने कही थी ये बात
रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने पिछले साल कहा था कि वह चीन के राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रशासन के साथ मिलकर 2035 तक चंद्रमा की सतह पर आइएलआरएस को ऊर्जा प्रदान करने के लिए एक परमाणु रिएक्टर बनाने की योजना बना रही है।
चीन के चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम के मुख्य डिजाइनर वू वेइरेन ने सम्मेलन के दौरान बताया कि आइएलआरएस के लिए एक महत्वपूर्ण प्रश्न विद्युत आपूर्ति का है। जब परमाणु ऊर्जा संयंत्रों की बात आती है तो इसमें रूस को स्वाभाविक लाभ है।
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