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    भारत आएंगे चिली के राष्ट्रपति गैब्रियल बोरिक फोंट, लिथियम डील पर रहेगा फोकस; अब तक चीन मारता रहा है बाजी

    Updated: Thu, 27 Mar 2025 11:00 PM (IST)

    दक्षिण अमेरिकी देश चिली के राष्ट्रपति गैब्रियल बोरिक फोंट 1 से 5 अप्रैल 2025 तक भारत की आधिकारिक यात्रा करेंगे। यह 16 वर्षों में किसी चिली राष्ट्रपति का पहला दौरा होगा। भारत चिली के विशाल लिथियम भंडार तक पहुंच बनाना चाहताहैजो विकसित भारत 2047 की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। दौरे में एफटीए व्यापारिक समझौते और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा होगी। फोंट आगरा बेंगलुरू और मुंबई भी जाएंगे।

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    भारत-चिली द्विपक्षीय वार्ता के दौरान पीएम मोदी और राष्ट्रपति गैब्रियल बोरिक फोंट। (फोटो सोर्स- रॉयटर्स)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दक्षिण अमेरिकी देश चिली के नौजवान राष्ट्रपति गैब्रियल बोरिक फोंट एक अप्रैल से पांच अप्रैल, 2025 को भारत दौरे पर आ रहे हैं। यह चिली के किसी राष्ट्रपति की 16 वर्षों बाद भारत का दौरा होगा जिसको लेकर भारत सरकार बेहद उत्साहित है। भारत की नजर खास तौर पर चिली के लिथियम भंडारों पर है जिसकी जरूरत वर्ष 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने के लिए काफी ज्यादा है। भारत इस बारे में चिली के साथ आधिकारिक समझौता करने को उत्सुक है।

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    चिली में दुनिया का सबसे बड़ा लिथियम भंडार

    चिली दुनिया का सबसे बड़ा लिथियम भंडार (52 फीसद वैश्विक भंडार का) वाला देश है लेकिन इसका वह कुल उत्पादन का 80 फीसद सिर्फ चीन को निर्यात करता है। यह भी उल्लेखनीय तथ्य है कि चिली जैसे लातिनी अमेरिकी देशों के साथ संबंध मजबूत करने में चीन भारत से काफी आगे है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि चिली क्रिटिकल मिनिरल्स की तलाश में जुटे भारत की मंसूबों को आगे बढ़ाने में राष्ट्रपति फोंट की आगामी यात्रा कितनी मदद करती है।

    चिली की राष्ट्रपति की यह यात्रा दक्षिण अमेरिकी देशों के साथ संबंधों को नये आयाम देने की भारत की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है। अभी पिछले हफ्ते ही पेरू के विदेश मंत्री शिलर साल्सेडो भारत दौर पर आए थे। पेरू और भारत के बीच जल्द ही मुक्त व्यापार समझौते पर वार्ता शुरू करने की सहमति बनी है। बहुत संभव है कि चिली के साथ ही एफटीए करने को लेकर सहमति बने।

    चीन और चिली के कारोबारी रिश्ते

    हाल के वर्षों में भारत की कूटनीति में ग्लोबल साउथ (विकासशील व गरीब देश) देशों को स्थान मिलने लगा है, उसको देखते हुए भी लातिन अमेरिकी देशों की अहमियत बढ़ी है। वैसे इन देशों की अहमियत चीन ने काफी पहले भांप ली थी। एक उदाहरण चीन और चिली के बीच के आर्थिक संबंध हैं। इनके बीच वर्ष 2023 में 57 अरब डॉलर का द्विपक्षीय कारोबार हुआ था। जबकि भारत के साथ चिली का द्विपक्षीय कारोबार अभी एक अरब डॉलर को भी पार नहीं कर पाया है। चिली ने वर्ष 2023 में कुल 7.72 अरब डॉलर के लिथियम (इलेक्ट्रिक कारों, सौर उर्जा, सेमीकंडक्टर में इस्तेमाल होने वाला खनिज) का निर्यात किया था जिसमें 6.02 अरब डॉलर सिर्फ चीन को किया गया था।

    आगरा, बेंगलुरू और मुंबई भी जाएंगे राष्ट्रपति बोरिक फॉन्ट

    चिली और भारत के बीच द्विपक्षीय कारोबार वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2024 में द्विपक्षीय कारोबार 1545 करोड़ रुपये से बढ़ कर 3843 करोड़ रुपये हो गया है।

    विदेश मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि, "पीएम नरेन्द्र मोदी के आमंत्रण पर चिली के राष्ट्रपति भारत की आधिकारिक यात्रा पर आ रहे हैं। उनके साथ एक बेहद उच्चस्तरीय दल भी होगा जिसमें चिली सरकार के प्रमुख मंत्रियों, सांसदों, निजी उद्यमियों व वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। यह बोरिक फोंट की पहली भारत यात्रा होगी। वह आगरा, बेंगलुरू और मुंबई भी जाएंगे। एक अप्रैल, 2025 को फोंट की पीएम मोदी से द्विपक्षीय वार्ता होगी। चिली के साथ भारत के काफी पुराने संबंध है। यह दक्षिण अमेरिका का एकमात्र देश है जिसने 15 अगस्त, 1947 को अपने प्रतिनिधि को भेजा था।''

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