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    'छह वर्ष से कम आयु के बच्चे 'फॉस्टर केयर' के लिए पात्र नहीं', सरकार ने जारी किया स्पष्टीकरण

    By Agency Edited By: Jeet Kumar
    Updated: Wed, 24 Sep 2025 10:00 PM (IST)

    केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि छह वर्ष से कम आयु के बच्चे फास्टर केयर (अस्थायी देखभाल व्यवस्था) के लिए पात्र नहीं हैं। सरकार की ओर से यह स्पष्टीकरण नए नियमों की अलग-अलग व्याख्याओं पर चिंता जताए जाने के बाद जारी किया गया है। केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (सीएआरए) ने हाल ही में एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया।

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    छह वर्ष से कम आयु के बच्चे 'फॉस्टर केयर' के लिए पात्र नहीं- सरकार (सांकेतिक तस्वीर)

     पीटीआई, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि छह वर्ष से कम आयु के बच्चे 'फास्टर केयर' (अस्थायी देखभाल व्यवस्था) के लिए पात्र नहीं हैं। सरकार की ओर से यह स्पष्टीकरण नए नियमों की अलग-अलग व्याख्याओं पर चिंता जताए जाने के बाद जारी किया गया है।

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    'फास्टर केयर' ऐसी व्यवस्था है, जिसमें उन बच्चों को अस्थायी रूप से किसी अन्य परिवार में रखा जाता है, जिनके माता-पिता उनकी देखभाल करने में असमर्थ होते हैं, लेकिन वैसे बच्चों को गोद लेने के लिए कानूनी रूप से उपलब्ध घोषित नहीं किया गया होता है। यह देखभाल सरकार या किसी सामाजिक संस्था की निगरानी में होती है।

    केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (सीएआरए) ने हाल ही में एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया, जिसमें किशोर न्याय नियमावली के नियम 23(3) और आदर्श पालक देखभाल दिशा-निर्देशों के बिंदु 4(1) का उल्लेख किया गया है।

    ज्ञापन में कहा गया है कि केवल छह वर्ष और उससे अधिक आयु के बच्चे ही पालक देखभाल में रखे जाने के पात्र हैं। इस निर्देश को सभी राज्य दत्तक ग्रहण संसाधन एजेंसियों (एसएआरए), जिला बाल संरक्षण इकाइयों (डीसीपीयू) और विशिष्ट दत्तक ग्रहण एजेंसियों (एसएए) को भेजा गया है ताकि इसका समान अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके।

    आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार गैर-संस्थागत देखभाल में बच्चों की संख्या 2021-22 और 2023-24 के बीच चार गुना बढ़ गई है। वर्ष 2021-22 में 29,331 बच्चों को गैर-संस्थागत देखभाल के दायरे में लाया गया। वर्ष 2022-23 में यह संख्या बढ़कर 62,675 और 2023-24 में 1,21,861 हो गई।