बुजुर्ग हो रहा युवा भारत, देश में घट रहे बच्चे; एसआरएस की रिपोर्ट में चौंकाने वाली तस्वीर
भारत के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से एसआरएस 2023 के अनुसार देश में प्रजनन दर घट रही है जिसकी वजह से शून्य से 14 वर्ष आयु वर्ग की आबादी में तेज गिरावट दर्ज की गई है। वहीं 60 साल से ऊपर के लोगों की जनसंख्या लगभग 10 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है। शून्य से 14 वर्ष आयु वर्ग की आबादी में तेज गिरावट दर्ज की गई है।

पीटीआई, नई दिल्ली। हम भले ही युवा भारत होने का दम भरते हों, लेकिन असल तस्वीर इसके उलट नजर आ रही है। देश में 14 साल आयु वर्ग की आबादी जहां तेजी से कम हो रही है, वहीं वरिष्ठ नागरिकों की जनसंख्या में वृद्धि का रुझान है।
जनसंख्या लगभग 10 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है
भारत के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से नमूना पंजीकरण प्रणाली रिपोर्ट (एसआरएस) 2023 के अनुसार देश में प्रजनन दर घट रही है, जिसकी वजह से शून्य से 14 वर्ष आयु वर्ग की आबादी में तेज गिरावट दर्ज की गई है। वहीं 60 साल से ऊपर के लोगों की जनसंख्या लगभग 10 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है।
रिपोर्ट के मुताबिक 0 से 14 वर्ष आयु वर्ग की आबादी का हिस्सा 1971 से 1981 के दौरान 41.2 प्रतिशत के घटकर 38.1 प्रतिशत रह गया। वहीं 1991 से 2023 के दौरान ये आबादी 36.3 प्रतिशत से घटकर 24.2 प्रतिशत रह गई।
देश में कुल प्रजनन दर में आई गिरावट
देश में कुल प्रजनन दर में आई गिरावट को इसके लिए जिम्मेदार बताया गया है, जो 1971 के 5.2 से घटकर 2023 में 1.9 रह गई। एसआरएस के मुताबिक 88 लाख लोगों का सर्वेक्षण करके ये रिपोर्ट तैयार की गई है। इसमें जनसांख्यिकी, प्रजनन और मृत्युदर जैसे संकेतकों के आधार पर डाटा तैयार किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से मिले आंकड़े ये संकेत देते हैं कि 0 से 14 साल की आयु वर्ग में लड़कों की संख्या लड़कियों से ज्यादा है। केवल दिल्ली के ग्रामीण इलाकों में लड़कियों की संख्या लड़कों से ज्यादा पाई गई है।
रिपोर्ट में 15 से 59 साल आयु वर्ग की आबादी 1971-1981 के दौरान 53.4 से बढ़कर 56.3 प्रतिशत हो गई। वहीं 1991 से 2023 के बीच ये आंकड़ा 57.7 से बढ़कर 66.1 प्रतिशत हो गया।
दिल्ली में ये आबादी सबसे ज्यादा
इस आबादी को कामकाजी आयु वर्ग भी कहा जाता है और दिल्ली में ये आबादी सबसे ज्यादा 70.8 प्रतिशत पाई गई, जबकि तेलंगाना में 70.2 और आंध्र प्रदेश 70.1 प्रतिशत के साथ दूसरे और तीसरे स्थान पर क्रमश: हैं। बिहार में इस आयु वर्ग की आबादी सबसे कम 60.1 प्रतिशत, राजस्थान में 63.4 प्रतिशत, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश में 63.9 प्रतिशत आंकी गई है। जम्मू-कश्मीर में 70.1 प्रतिशत ग्रामीण महिलाएं कामकाजी आयु वर्ग में हैं।
वहीं शहरी इलाकों में सबसे ज्यादा कामकाजी महिलाएं असम में 72.4 प्रतिशत हैं। दिल्ली में ग्रामीण कामकाजी पुरुषों की संख्या 72.9 प्रतिशत रही, जबकि असम में शहरी कामकाजी पुरुषों की संख्या 70.9 प्रतिशत रही।
वरिष्ठ नागरिकों की आबादी भी बढ़ रही
देश में 60 साल से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों की आबादी भी बढ़ रही है। 2023 में ये आबादी 9.7 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। इस मामले में केरल 15.1 प्रतिशत सीनियर सिटीजन के साथ नंबर एक पर है। वहीं तमिलनाडु में 14 प्रतिशत और हिमाचल में 60 साल से ऊपर के 13.2 प्रतिशत लोग रह रहे हैं।
शिशु मृत्यु दर में गिरावट, जन्म दर भी गिरी
देश में शिशु मृत्युदर (आइएमआर) और शिशु जन्म दर में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। 2023 की नमूना पंजीकरण प्रणाली (एसआरएस) रिपोर्ट के मुताबिक देश में शिशु मृत्यु दर न्यूनतम 25 पर आ गई है। 2013 में 40 के मुकाबले इसमें 37.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
वहीं शिशु जन्म दर में पिछले 10 साल में 14 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई है। 2013 में ये दर 21.4 प्रतिशत थी, अभी ये 18.4 प्रतिशत है। रिपोर्ट में शिशु जन्म दर में भी गिरावट का रुख दर्ज किया गया है। पिछले 10 वर्ष में जन्म दर 21.4 प्रतिशत से गिरकर 2023 में 18.4 प्रतिशत पर आ गई है, जिसमें 14 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
हृदय संबंधी रोगों के कारण एक तिहाई मौतें
हृदय संबंधी रोग भारत में मृत्यु का प्रमुख कारण बने हुए हैं। लगभग 31 प्रतिशत मौतें हृदय संबंधी बीमारियों के कारण होती हैं। इसके बाद श्वसन संक्रमण से 9.3 प्रतिशत, घातक ट्यूमर से 6.4 प्रतिशत और श्वसन रोग से 5.7 प्रतिशत मौतें होती हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021-2023 में गैर-संक्रामक बीमारियों से भारत में 56.7 प्रतिशत मौतें हुईं। संक्रामक, प्रसवकालीन और पोषण संबंधी स्थितियों के कारण 23.4 प्रतिशत मौतें होती हैं।
हृदय संबंधी बीमारियां 30 से अधिक आयु वर्ग में मृत्यु का प्रमुख कारण हैं, जबकि आत्महत्या 15-29 आयु वर्ग में मृत्यु का सबसे आम कारण है।
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