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    बाल संरक्षण आयोग ने बाल विवाह के खिलाफ असम सरकार की कार्रवाई को सराहा, AIUDF प्रमुख को लगाई फटकार

    By AgencyEdited By: Ashisha Singh Rajput
    Updated: Sun, 05 Feb 2023 05:22 PM (IST)

    बाल विवाह से जुड़े मामलों में असम पुलिस ने अब तक राज्य भर में 2250 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। NCPCR प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने कहा AIUDF का यह बयान कि असम सरकार ने नियम नहीं बनाए हैं बचकाना और मूर्खतापूर्ण है।

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    बाल विवाह से जुड़े मामलों में असम में 2,250 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है।

    नई दिल्ली, एएनआई। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने रविवार को बाल विवाह के खिलाफ असम सरकार की गई कार्रवाई की सराहना की। आयोग ने इसके साथ ही कहा कि राजनीतिक दलों को बच्चों से जुड़े मामलों में संवेदनशील होना चाहिए। वहीं दूसरी तरफ NCPCR ने आल इंडिया यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) प्रमुख बदरुद्दीन अजमल को उनकी 'बचकानी और मूर्खतापूर्ण टिप्पणी' के लिए फटकार लगाई।

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    असम पुलिस ने 2,250 से अधिक लोगों को किया गिरफ्तार

    बाल विवाह से जुड़े मामलों में असम पुलिस ने अब तक राज्य भर में 2,250 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है। NCPCR प्रमुख प्रियांक कानूनगो ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, 'AIUDF का यह बयान कि असम सरकार ने नियम नहीं बनाए हैं, बचकाना और मूर्खतापूर्ण है। राजनीतिक दलों को बच्चों से संबंधित मामलों में संवेदनशील होना चाहिए। बाल विवाह अधिनियम और POCSO अधिनियम केंद्रीय अधिनियम हैं। मुझे समझ नहीं आता कि लोग इसपर कैसे राजनीतिक बयानबाजी करते हैं।'

    मुसलमानों को परेशान करने के लिए की गई कार्रवाई: AIUDF

    AIUDF प्रमुख अजमल का बाल विवाह के खिलाफ राज्य सरकार की गई कार्रवाई पर बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा यह कार्रवाई मुसलमानों को परेशान करने के लिए की गई थी। AIUDF प्रमुख ने कहा, 'केंद्र द्वारा आदर्श नियम निर्धारित किए गए हैं, अगर असम सरकार उन नियमों को उनके रूपों में स्वीकार करती है तो अलग नियमों की कोई आवश्यकता नहीं है। यह उल्लेखनीय है कि आयोग पहले ही बाल विवाह की अनुमति देने वाले मामलों को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दे चुका है। हम कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं।'

    आयोग ने अन्य राज्यों से किया आग्रह

    वहीं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने अन्य राज्यों से असम सरकार की तरह बाल विवाह के खिलाफ पहल करने का आग्रह किया। आयोग अध्यक्ष ने कहा, 'आयोग ने न केवल बाल विवाह में शामिल लोगों के खिलाफ असम सरकार की पहल की सराहना की है, बल्कि अन्य राज्यों से भी इसी तरह के कदम उठाने की अपेक्षा की है।'

    आपको बता दें कि इससे पहले शनिवार को कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने बाल विवाह के खिलाफ कार्रवाई को लेकर असम सरकार पर निशाना साधा था। गोगोई ने कहा था, 'ऐसा लगता है कि पुलिस को बिना उचित जांच या प्रक्रिया के दशकों पुराने मामलों की जांच करने का निर्देश दिया गया है। यह एक तमाशा है।'

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