इंजेक्शन लगाने के बाद बच्चे की मौत, प्राइवेट क्लीनिक के बाहर परिजनों ने किया हंगामा
मध्य प्रदेश में एक निजी क्लिनिक में डॉक्टर द्वारा इंजेक्शन लगाने के बाद एक बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। डॉक्टर का कहना है कि बच्चा पहले से बीमार था। यह भी सामने आया है कि डॉक्टर पहले भी एक बच्चे की मौत के मामले में शामिल थे। शहर में कई निजी क्लीनिक बिना जांच के चल रहे हैं।

इंजेक्शन के बाद बच्चे की मौत। प्रतीकात्मक फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौतें हो रही है।इसी बीच गुरुवार को शहर के सनावद रोड स्थित निजी क्लीनिक के डाक्टर के इंजेक्शन के बाद बच्चे की मौत हो गई। स्वजन ने लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस को शिकायत की है। मामले में जैतापुर के थाना प्रभारी सुदर्शन कलोसिया ने बताया कि बड़वानी जिले के कालू पंचोली ने शिकायत की है।
इसमें बताया साढ़े चार साल के बच्चे की तबीयत बिगड़ गई। यहां डाक्टर राजेश सयदे के क्लीनक पर लाए। यहां उन्होंने इंजेक्शन व दवाईयां लिखा। उन्होंने कहा कि प्रथम लैब पर इंजेक्शन लगवा लो। हमने लैब में इंजेक्शन लगवाया तो उसे खुजली होने लगी। इसके बाद उसका शरीर ठंडा हो गया। हमने डा राजेश सयदे को बताया तो उन्होंने निजी अस्पताल में भर्ती करने को पहुंचाया। यहां वेंटिलेटर पर बच्चे ने दम तोड़ दिया।
मामले की हो रही जांच
मामले में स्वजन ने बताया कि डाक्टर डाक्टर व लैब पर लापरवाही का आरोप लगाया है। मामले में डाक्टर राजेश सयदे का कहना है कि बच्चा पहले से बीमार था। मैंने भर्ती को कहा था। उन्होंने इंजेक्शन लगवाया था। मामले में थाना प्रभारी का कहना है कि पीएम कराएंगे। जांच की जा रही है। उल्लेखनीय है कि राजेश सयदे एक साल पहले जिला अस्पताल के एसएनसीयू में पदस्थ थे। वहां भी एक बच्चे की मौत हुई थी। मामले में शिकायतें की गई थी।
निजी क्लीनकों पर सरकारी डाक्टर कर रहे हैं इलाज
जिला मुख्यालय पर 15 से ज्यादा निजी क्लीनिक व अस्पताल संचालित है। यहां बच्चों का इलाज किया जाता है। यहां स्टाफ से लेकर अन्य की जांच नहीं की जाती है। कई जगह सरकारी डाक्टर इलाज कर रहे हैं। इसकी भी जांच नहीं की जा रही है।
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