मुख्यमंत्री आज उज्जैन में होजियरी वस्त्र उद्योग का करेंगे भूमिपूजन, मप्र में जनभागीदारी का नया मॉडल
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार को उज्जैन आएंगे। वे यहां सोयाबीन प्लांट की जमीन पर होजियरी उद्योग का भूमिपूजन करेंगे। डोंगला वेधशाला के आडिटोरियम सहित माधवनगर अस्पताल व नागदा में बने आक्सीजन प्लांट का लोकार्पण भी करेंगे।
उज्जैन, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार को उज्जैन आएंगे। वे यहां सोयाबीन प्लांट की जमीन पर होजियरी उद्योग का भूमिपूजन करेंगे। डोंगला वेधशाला के आडिटोरियम सहित माधवनगर अस्पताल व नागदा में बने आक्सीजन प्लांट का लोकार्पण भी करेंगे। लोकार्पण के कार्यक्रम आनलाइन होंगे।
मुख्यमंत्री चौहान आज सुबह 11.20 बेज उज्जैन आएंगे
प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत मुख्यमंत्री चौहान रविवार सुबह 11.20 बेज उज्जैन आएंगे। कार्यक्रमों में भाग लेने के बाद दोपहर 2.20 बजे इंदौर के लिए रवाना होंगे।
मुख्यमंत्री उज्जैन के लिए औद्योगिक विकास को लेकर कर सकते हैं घोषणाएं
मुख्यमंत्री धार्मिक नगरी के औद्योगिक विकास को लेकर घोषणाएं भी कर सकते हैं। इस सिलसिले में शनिवार को उद्योग विभाग के प्रमुख सचिव संजय शुक्ल ने संभावनाएं तलाशीं। करीब 120 हेक्टेयर जमीन उद्योगों को देने के लिए देखी गई है। आइटी पार्क सेक्टर भी विकसित करने पर सहमति बनी है। पीथमपुर की कंपनी को इंदौर रोड पर नवाखेड़ा के पास जमीन दी जा सकती है। मानपुरा में भी जमीन देखी गई। पांच लाख से ज्यादा कार्यकर्ता योजनाओं की निगरानी करेंगे। ग्राम पंचायत से लेकर विकास खंड, नगर, जिला और राज्य स्तर पर दीनदयाल अंत्योदय समितियां गठित होंगी।
मप्र में जनभागीदारी का नया मॉडल
सत्ता में जनभागीदारी के मॉडल पर काम कर रही शिवराज सरकार फिर एक नवाचार करने की तैयारी में है। सरकार की योजनाओं की निगरानी ग्राम पंचायत स्तर तक हो सके, इसलिए दीनदयाल अंत्योदय समितियों का पुनर्गठन किया जाएगा। ये समितियां 1991 में प्रदेश में भाजपा की सरकार के दौरान काम करती थीं। नए मॉडल में समितियां राज्य, जिला, नगर, विकासखंड और ग्राम पंचायत स्तर पर होंगी। प्रदेश में पंचायतों की बड़ी संख्या होने और जिला व राज्य स्तर पर इन समितियों के गठन से भाजपा से जुड़े पांच लाख से अधिक कार्यकर्ता इस काम से जुड़ जाएंगे।
सरकारी योजनाओं की निगरानी
इन्हें सरकारी योजनाओं की निगरानी व सलाह के अधिकार होंगे। कोई मानदेय नहीं दिया जाएगा। हर महीने अधिकारियों के साथ समिति के सदस्यों की बैठकें भी होंगी। मुख्यमंत्री ने इस पर सहमति दे दी है। यह काम प्रदेश में लोक अभिकरणों के माध्यम से दीनदयाल अंत्योदय कार्यक्रम का कार्यान्वयन अधिनियम 1991 के तहत किया जाएगा। इससे इसकी कानूनी वैधता भी होगी और सरकार के पास योजनाओं की वास्तविकता की जानकारी रहेगी।
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