'त्रिपुरा हिंसा के पीछे बड़ी साजिश', सीएम माणिक साहा किस ओर कर रहे इशारा?
त्रिपुरा के धलाई जिले में हुई हिंसा पर मुख्यमंत्री माणिक साहा ने इसे बड़ी साजिश का हिस्सा बताया है, जिसमें बाहरी और सत्ताधारी गठबंधन के अंदर के लोग शामिल हो सकते हैं। उन्होंने घायलों से मिलकर हिंसा की निंदा की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। साहा ने बीजेपी में गुटबाजी से इनकार किया, लेकिन साजिश की आशंका जताई। यह हिंसा बंद समर्थकों और दुकानदारों के बीच झड़प के बाद हुई।

त्रिपुरा हिंसा को लेकर सीएम साहा का बड़ा खुलासा।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। त्रिपुरा में गुरुवार शाम को धलाई जिले के शांतिरबाजार में हुई हिंसक झड़प हुई। मामले पर मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि यह एक बड़ी साजिश का नतीजा थी। उन्होंने इशारा किया कि इस अशांति के लिए न सिर्फ बाहरी लोग नहीं बल्कि सत्ताधारी गठबंधन के अंदर राजनीतिक लोग भी जुड़े हो सकते हैं।
शुक्रवार को अगरतला सरकारी मेडिकल कॉलेज और जीबीपी अस्पताल में घायल सरकारी अधिकारियों और इलाज करा रहे एक व्यापारी से मिलने के बाद, साहा ने उन हमलों की निंदा की जो टिपरासा सिविल सोसाइटी के बुलाए गए 24 घंटे के राज्यव्यापी बंद के दौरान हुए थे। टिपरासा सिविल सोसाइटी बीजेपी की सहयोगी टिपरा मोथा पार्टी से जुड़ी है।
'की जाएगी सख्त कार्रवाई'
उन्होंने कहा कि जो लोग हिंसा के जरिए राज्य को अस्थिर करने और सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश करेंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, "यह साफ तौर पर एक साजिश का हिस्सा है। मैंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में सब कुछ पहले ही बता दिया है। सरकार ऐसे कामों को बर्दाश्त नहीं करेगी, और पुलिस को दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।"
मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी भाजपा और टिपरा मोथा के बीच बढ़ते तनाव के बीच आई है। अपने सोशल मीडिया पोस्ट में साहा ने ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर अभिजीत मजूमदार, इंजीनियर अनिमेष साहा और शांतिरबाजार के कई लोगों पर टिपरा मोथा के समर्थकों के "हिंसक हमले" की कड़ी निंदा की थी और ऐसी घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ प्रशासन को तेज और सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
बीजेपी में गुटबाजी पर क्या बोले सीएम साहा?
जब उनसे और पूछा गया कि क्या बीजेपी के अंदर गुटबाजी ने भी इस स्थिति में योगदान दिया है तो साहा ने इससे इनकार किया और सिर्फ इतना कहा कि साजिश में सब कुछ शामिल होता है। त्रिपुरा बीजेपी अध्यक्ष और राज्यसभा एमपी राजीब भट्टाचार्य ने भी इस घटना को कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगाड़ने और त्रिपुरा को बदनाम करने की सोची-समझी साजिश बताया था।
दरअसल, यह हिंसा तब भड़की जब बंद समर्थकों की कथित तौर पर स्थानी दुकानदारों से झड़प हुई, उन पर और ड्यूटी पर मौजूद अधिकारियों पर रॉड और डंडों से हमला किया गया और कीमती सामान लूट लिया गया।
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