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    Supreme Court: मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने कहा- जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हमेशा से संस्था को दिया है अपना योगदान

    भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) उदय उमेश ललित (Uday Umesh Lalit) ने शुक्रवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश हेमंत गुप्ता हमेशा से इस संस्था के लिए एक प्रमुख घटक रहे हैं। मालूम हो कि जस्टिस हेमंत गुप्ता 16 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

    By AgencyEdited By: Sonu GuptaUpdated: Fri, 14 Oct 2022 05:20 PM (IST)
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    जस्टिस यूयू ललित ने कहा कि जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हमेशा से संस्था को दिया है अपना योगदान।

    नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) उदय उमेश ललित (Uday Umesh Lalit) ने शुक्रवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश हेमंत गुप्ता हमेशा से इस संस्था के लिए एक प्रमुख घटक रहे हैं। मालूम हो कि जस्टिस हेमंत गुप्ता 16 अक्टूबर को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। सीजेआई जिस पीठ का नेतृत्व कर रहे थे उसमें जस्टिस गुप्ता भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि वह हमेंशा अपनी क्षमता के अनुसार निर्णय लेते हैं। मुख्य न्यायाधीश ने कहा, 'वह हमेंशा से इस संस्था के लिए प्रमुख घटक रहे हैं और हम उनके अच्छे स्वास्थ्य, अच्छी किस्मत और वह जो भी कुछ चाहते हैं जिसके लिए वे हकदार हैं की कामना करते हैं।'

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    सर्वोच्च न्यायालय में रहना सुखद अनुभव

    इस दौरान सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश गुप्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में रहना उनके लिए एक सुखद अनुभव है। इस संस्था में उन्हें हमेशा से सभी वकीलों से सहायता मिली। मालूम हो कि न्यायमूर्ति गुप्ता को सुप्रीम कोर्ट में 2 नवंबर 2018 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था।

    जस्टिस गुप्ता ने सभी अधिवक्ताओं को किया धन्यवाद

    जस्टिस गुप्ता ने अपने विदाई समारोह में मौजूद अधिवक्ताओं से कहा, 'व्यक्तिगत रूप से कहूं तो मैंने अपने 20 साल के लंबे समय के दौरान अपनी पारी का आनंद लिया। प्रत्येक दिन कुछ न कुछ सिखने का मिला और आप सभी ने मेरी सीखने की प्रक्रिया में मेरी मदद की। आप सभी का बहुत-बहुत धन्यवाद।'

    जजों की संख्या में आएगी कमी

    जस्टिस गुप्ता के सेवानिवृत्त होने के बाद सर्वोच्च न्यायालय में सेवारत न्यायाधीशों की संख्या घटकर सिर्फ 28 रह जाएगी। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश सहित कुल जजों की संख्या 34 है। सर्वोच्च न्यायालय में बतौर न्यायाधीश रहने के दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण निर्णय दिए, जिसमें कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध मामले में फैसले भी शामिल है।

    इन जगहों पर कर चुके हैं काम

    17 अक्टूबर 1957 को जन्मे न्यायमूर्ति गुप्ता ने जुलाई 1980 में एक वकील के रूप में नामांकन किया। उन्होंने साल 1997 से 1999 तक पंजाब के अतिरिक्त महाधिवक्ता के रूप में भी काम किया। 2 जुलाई 2002 को उन्हें पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था। जस्टिस गुप्ता ने 8 फरवरी 2016 को पटना हाई कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में अपना पदभार संभाला और 29 अक्टूबर 2016 को पटना उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त हुए। आठ मार्च 2017 को उन्हें मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी नियुक्त किया गया था।

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