Bihar Voter List Row: 'शुद्ध मतदाता सूची लोकतंत्र की मजबूती के लिए अनिवार्य', जानें क्यों कही मुख्य चुनाव आयुक्त ने ये बात
बिहार में मतदाता सूची के सत्यापन को लेकर भले ही विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट कर दिया है कि आयोग की मुहिम लोकतंत्र के लिए जरूरी है। मंगलवार को उन्होंने पोस्ट के माध्यम से यह बताने की कोशिश की कि लोकतंत्र की मजबूती तभी आएगी जब सूची शुद्ध हो।

अरविंद पांडेय, जागरण, नई दिल्ली। बिहार में मतदाता सूची के सत्यापन को लेकर भले ही विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है, लेकिन मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने स्पष्ट कर दिया है कि आयोग की मुहिम लोकतंत्र के लिए जरूरी है।
मंगलवार को उन्होंने पोस्ट के माध्यम से यह बताने की कोशिश की कि लोकतंत्र की मजबूती तभी आएगी जब सूची शुद्ध हो। उनकी इस मंशा को बिहार के मतदाताओं के जोश से भी समर्थन मिलता दिख रहा है।
गणना फार्मों को जमा कराने की अंतिम तारीख 25 जुलाई
चुनाव आयोग ने दावा किया है कि मंगलवार शाम छह बजे तक राज्य के लगभग 47 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने भरे हुए गणना फार्म जमा कर दिए हैं। यह स्थिति तब है जब सत्यापन से जुड़े गणना फार्मों को जमा कराने की अंतिम तारीख 25 जुलाई है। आयोग के सूत्रों का मानना है कि गुरुवार को होने वाली सुनवाई में यह आंकड़ा प्रभावी साबित हो सकता है।
मतदाताओं में जोश
आयोग के अनुसार, सत्यापन को लेकर मतदाताओं का राज्य में जिस तरह का उत्साह देखा जा रहा है, उसमें सभी मतदाताओं के भरे हुए गणना फार्म तय समय से पहले ही प्राप्त हो सकते हैं। आयोग पहले ही राज्य के लगभग 97 प्रतिशत यानी 7.70 करोड़ मतदाताओं तक घर-घर सत्यापन से जुड़ा गणना फार्म पहुंचा चुका है।
विपक्षी नेता फैला रहे भ्रम
आयोग से जुड़े उच्चपदस्थ सूत्रों का कहना है कि सत्यापन को लेकर कुछ विपक्षी नेता भले ही भ्रम फैला रहे हैं, लेकिन मतदाताओं को इस मुहिम को लेकर कोई भ्रम नहीं है। आयोग के अनुसार, पिछले 24 घंटे में करीब 82.78 लाख मतदाताओं ने अपने गणना फार्म जमा कराए हैं। इस प्रकार अब तक कुल 3.70 करोड़ मतदाताओं के गणना फार्म जमा हो चुके हैं। राज्य में वर्तमान में कुल 7.90 करोड़ मतदाता हैं।
चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि 22 वर्षों के बाद हो रहे इस संशोधन से मतदाता सूची से अयोग्य लोगों और डुप्लिकेट प्रविष्टियों को हटाया जाएगा और कानून के अनुसार मतदान के लिए योग्य लोगों को शामिल किया जाएगा।
खरगे के पोस्ट पर चुनाव आयोग ने लगाया भ्रम फैलाने वाले पोस्ट का ठप्पा
बिहार में मतदाता सूची के सत्यापन की मुहिम में जुटा चुनाव आयोग जहां राजनीतिक दलों द्वारा उठाए गए सवालों का सामना कर रहा है, वहीं वह यह भरोसा भी दे रहा है कि इस सत्यापन में कोई भी योग्य मतदाता नहीं छूटेगा। सत्यापन को लेकर इंटरनेट मीडिया पर भ्रम फैलाने वालों से निपटने के लिए आयोग ने मोर्चा संभाल लिया है।
आयोग ने विभिन्न प्लेटफार्मों से न केवल पोस्ट की खोजबीन तेज की है, बल्कि ऐसे पोस्टों पर वह अब गुमराह करने का ठप्पा भी लगा रहा है। इसके तहत अब तक करीब दो दर्जन लोगों के पोस्ट पर यह ठप्पा लगाया गया है, जिनमें कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का भी पोस्ट शामिल है।
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