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    25 साल तक सींचा था पीपल का पेड़, अवैध कटाई के बाद फूट-फूटकर रोई महिला; दो गिरफ्तार

    Updated: Sun, 12 Oct 2025 06:08 PM (IST)

    छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ में एक वृद्धा, देवला बाई, 25 साल पहले लगाए पीपल के पेड़ की अवैध कटाई से दुखी होकर रो पड़ीं। यह पेड़ गांव की आस्था का केंद्र था। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने पेड़ को काटा था। ग्रामीणों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है और देवला बाई ने उसी स्थान पर एक नया पौधा लगाया।

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    शासकीय भूमि पर लगे पीपल वृक्ष को काट दिया (फोटो: जागरण)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। छत्‍तीसगढ़ के जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई के मुख्‍यालय से करीब सात किमी दूर स्थित ग्राम सर्रागोंदी में पीपल के वृक्ष की अवैध कटाई पर इसे रोपने वाली बुजुर्ग का एक मार्मिक विडियो इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित हो रहा है। यह वृद्धा गांव की देवला बाई (90) है जिन्‍होंने 25 वर्षों पहले इस वृक्ष को रोपा था।

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    जब उन्‍हें इसकी हटाई की खबर मिली तो वे हांफती-भागती उसके पास पहुंची और फूट-फूटकर रोने लगीं। वर्षों तक उस वृक्ष की पूजा होती रही, और वह गांव की आस्था का केंद्र बन गया था। ग्रामीणों ने वृद्धा को सांत्‍वना दी। गिरे हुए वृक्ष की पूजा अर्चना कर ग्रामीणों ने क्षमा मांगी और देवला बाइ के हाथों ही उस स्‍थान पर एक नए पीपल का पौध रोपा गया।

    अवैध कटाई का मामला

    दरअसल, यह मामला आस्था से जुड़े एक पीपल वृक्ष की अवैध कटाई का है। प्रकरण सामने आने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपितों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। खैरागढ़ निवासी इमरान मेमन एवं उसके साथी प्रकाश कोसरे ने पांच अक्टूबर की सुबह गांव में स्थित शासकीय भूमि पर लगे पीपल वृक्ष को काटने की कोशिश की थी।

    ग्रामीणों के विरोध के चलते उस दिन वे अपने मंसूबों में सफल नहीं हो पाए। परंतु अगले ही दिन छह अक्टूबर की सुबह ग्रामीण जब वहां पहुंचे, तो पीपल का वृक्ष पूरी तरह से काटा जा चुका था।

    ग्रामीणों में था आक्रोश

    घटना के संबंध में ग्रामवासी प्रमोद पटेल ने खैरागढ़ थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने धारा 298, 3(5) एवं शासकीय संपत्ति विरूपण अधिनियम के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया। पुलिस जांच में राजफाश हुआ कि आरोपित इमरान मेमन ने अपनी खरीदी गई जमीन के सामने स्थित शासकीय भूमि पर लगे वृक्ष को हटवाने की योजना बनाई थी।

    इस कार्य में उसकी मदद प्रकाश कोसरे ने की, जिसने लकड़ी काटने की मशीन से पेड़ को काटा, जबकि इमरान मौके पर निगरानी करता रहा।

    मशीन को नदी में फेंका

    आरोपितों ने घटना के बाद सबूत छिपाने के उद्देश्य से मशीन को पास की नदी में फेंक दिया। पुलिस अब गोताखोरों की मदद से मशीन की तलाश कर रही है। एक स्कूटी भी जब्त की गई है। दोनों आरोपितों को पुलिस ने विधिवत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।

    मामले में आगे धारा 238 भी जोड़ी गई है। इस घटना ने धार्मिक भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाई है। ग्रामीणों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। पुलिस का कहना है कि मामले में आगे और भी साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं तथा जांच जारी है।

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