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    CGPSC घोटाला: SC का बड़ा फैसला, पूर्व चेयरमैन टामन के बेटे-भतीजे समेत चार आरोपितों को मिली जमानत

    Updated: Wed, 29 Oct 2025 03:33 PM (IST)

    छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए मुख्य आरोपी टामन सिंह सोनवानी के बेटे नितेश, भतीजे साहिल समेत चार आरोपियों को जमानत दे दी है। सीबीआई ने टामन सिंह सोनवानी और अन्य पर परीक्षा में धांधली करने और रिश्तेदारों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया था। फरवरी 2024 में राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी।

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    सीजीपीएससी घोटाले में SC का बड़ा फैसला (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ पीएससी घोटाला मामले में मुख्य आरोपित पीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के बेटे नितेश सोनवानी और भतीजे साहिल सोनवानी समेत शशांक गोयल और उसकी पत्नी भूमिका कटियार को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है।

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    सीबीआइ ने इस मामले में छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी, बजरंग पावर इस्पात कंपनी के निदेशक श्रवण कुमार गोयल, उनके बेटे शशांक गोयल और बहू भूमिका कटियार, तत्कालीन उप नियंत्रक परीक्षा (सीजीपीएससी) ललित गणवीर, निशा कोसले, दीपा आदिल, सुमित ध्रुव समेत अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है।

    इस वजह से जेल में बंद

    सभी अभी जेल में बंद है। आरोप है कि आयोग के पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी और तत्कालीन सचिव जीवन किशोर ध्रुव, आरती वासनिक, ललित गणवीर आदि ने अपने पदों का दुरुपयोग कर परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक कराकर अपने रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों को पीएससी की परीक्षा पास करवाया। चयनित उम्मीदवार डिप्टी कलेक्टर और डीएसपी जैसे उच्च पद पर पदस्थ किए गए थे।

    सीबीआई को मिली जांच

    फरवरी 2024 में राज्य सरकार ने इस मामले की जांच सीबीआइ को सौंपी। पिछले वर्ष जुलाई में सीबीआई ने 2020-2022 परीक्षा के दौरान सीजीपीएससी के माध्यम से डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी और अन्य सीनियर सरकारी पदों के लिए चयन में पक्षपात के आरोप में छत्तीसगढ़ में दर्ज दो मामलों की जांच अपने हाथ में लिया था। सीबीआइ के अनुसार, पूर्व अध्यक्ष सोनवानी ने अपने भतीजों का चयन सुनिश्चित करने के लिए 'रिश्तेदार' शब्द को 'परिवार' से बदलकर नियमों में हेरफेर किया था।

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