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    Vat Savitri Vrat 2022: वट सावित्री पूजा के दौरान मुस्लिम युवक की सामने अभद्र हरकत, विरोध में बंद रहा छत्तीसगढ़ का जशपुरनगर

    By Arun Kumar SinghEdited By:
    Updated: Wed, 01 Jun 2022 10:31 PM (IST)

    छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में वट सावित्री पूजा के दिन सोमवार को एक ऐसा मामला सामने आया जिससे लोगों को आक्रोश फूट पड़ा। इस दिन एक मुस्लिम युवक ने पाली ...और पढ़ें

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    छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में वट सावित्री पूजा के दिन लोगों को आक्रोश फूट पड़ा।

    जशपुरनगर, राज्‍य ब्‍यूरो। छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में वट सावित्री पूजा के दिन सोमवार को एक ऐसा मामला सामने आया, जिससे लोगों को आक्रोश फूट पड़ा। इस दिन एक मुस्लिम युवक ने पालीथिन में पेशाब भरकर पूजा कर रहीं महिलाओं पर फेंक दिया। इसने जशपुरनगर में मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस घटना के विरोध में बुधवार को जशपुरनगर शहर बंद रहा। इस दौरान जशपुरनगर में बड़ी संख्या में महिलाओं ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया। वहीं दूसरी ओर आरोपित युवक जहीर खान को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया है।

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    जानकारी के अनुसार, वट सावित्री पूजा के दौरान हुई इस घटना के बाद महिलाएं पूजा छोड़कर चली गई थीं। रात आठ बजे थाने पहुंचकर उन्होंने आरोपित की शिकायत दर्ज कराई थी। आरोपित पर कार्रवाई नहीं होने पर बुधवार को महिलाओं ने रैली निकालकर आक्रोश जताया। महिलाएं आरोपित पर जिलाबदर की कार्रवाई करने की मांग कर ही हैं, ताकि किसी भी धर्म की भावनाओं को आहत करने की कोई हिम्मत न कर सके।

    सुरक्षा के चलते बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात कर दिया गया है। हिंदू संगठनों ने युवक पर कार्रवाई की मांग को लेकर बाइक रैली निकाली। शाम चार बजे रायगढ़ से लोकसभा सांसद गोमती साय भी प्रदर्शन में शामिल हुईं। उन्होंने घटना को सोची-समझी साजिश करार दिया। महिलाओं ने एसडीएम बालेश्वर भगत को ज्ञापन सौंपकर आरोपित पर जिलाबदर की कार्रवाई करने की मांग की है।

    ज्ञात हो कि हिंदू महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री व्रत रखती हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। हिंदू धर्म के अनुसार, इस दिन व्रत रखने से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है और पुत्र प्राप्ति के लिए भगवान की कृपा प्राप्त होती है। वट सावित्री की सात में दो दिन मनाई जाती है। एक ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन और दूसरा व्रत पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाता है।