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दिव्यांग पर्वतारोही चित्रसेन ने फतह किया माउंट किलीमंजारो, बनाया नया रिकॉर्ड

छत्तीसगढ़ के युवा पर्वतारोही और ब्लेड रनर चित्रसेन साहू ने अफ्रीका के तंजानिया स्थित सबसे ऊंची पहाड़ी चोटी माउंट किलिमंजारो फतह कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 26 Sep 2019 06:28 PM (IST)Updated: Thu, 26 Sep 2019 06:57 PM (IST)
दिव्यांग पर्वतारोही चित्रसेन ने फतह किया माउंट किलीमंजारो, बनाया नया रिकॉर्ड
दिव्यांग पर्वतारोही चित्रसेन ने फतह किया माउंट किलीमंजारो, बनाया नया रिकॉर्ड

रायपुर, राज्‍य ब्‍यूरो। छत्तीसगढ़ के युवा पर्वतारोही और ब्लेड रनर चित्रसेन साहू ने अफ्रीका के तंजानिया स्थित सबसे ऊंची पहाड़ी चोटी माउंट किलिमंजारो फतह कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। दोनों पैरों से दिव्यांग चित्रसेन ब्लेड रनर के नाम से जाने जाते हैं और मूलरूप से अम्बिकापुर शहर के रहने वाले हैं। उन्होने राज्य अंतर्राष्ट्रीय पर्वतारोही और माउंट एवरेस्ट फतह करने वाले राहुल गुप्ता के मार्गदर्शन में यह सफलता हासिल की। उनके इस साहसिक अभियान को राज्य सरकार और हीरा ग्रुप की ओर से आर्थिक सहयोग मिला।

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प्लास्टिक फ्री अभियान ब्रांड एंबेसडर बने

चित्रसेन साहू को छत्तीसगढ़ शासन एवम् मोर रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा प्लास्टिक फ्री अभियान के लिए ब्रांड एंबेसडर भी बनाया गया है जिसके तहत चित्रसेन द्वारा प्लास्टिक फ्री अभियान का मेसेज किलीमंजारो पर्वत से दिया गया। चित्रसेन ने माउंट किलीमंजारो पर 23 सितंबर सुबह 11 बजे स्थानीय समयानुसार (भारतीय समय लगभग 2.00 बजे) फतह किया। इस प्रकार यह मुकाम हासिल करने वाले चित्रसेन भारत के पहले डबल लेग एंप्युटी मैन बन गए हैं। इस पर्वतारोहण अभियान में छत्तीसगढ़ से 'मांउटेन मेन" राहुल गुप्ता ने उनके साथ-साथ चढ़ाई की और पूरे अभियान का नेतृत्व भी किया।

12 घंटे में चढ़ाई पूरी की

अब चित्रसेन पूरे देश और राज्य के एकमात्र ऐसे युवा हैं जो डबल एंप्युटी हैं, और माउंट किलिमंजारो की कठिन चढ़ाई पूरी की है। आखिरी दिन चित्रसेन ने 12 घंटे की चढ़ाई -5 से -10 डिग्री तापमान में धूल वाले ठंडे तूफान के बीच लगातार मुश्किलों से जूझते हुए पूरी की।

इसी दौरान उनके पैर में भी चोटे आईं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उनके द्वारा उहरु चोटी तक पहुंचने का लक्ष्य था लेकिन समय अधिक होने, किलीमंजारो नेशनल पार्क के नियम, मौसम और रेस्क्यू को दृष्टिगत रखते हुए स्थानीय अधिकारियों द्वारा उन्हें आगे जाने से रोक दिया गया।  


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