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    'छेड़ाछाड़ इसलिए होती है क्योंकि...', आवारा कुत्तों पर विवाद के बीच चेन्नई पुलिस का हैरान करने वाला बयान

    चेन्नई में एक महिला और पुलिसकर्मी के बीच आवारा कुत्तों को खाना खिलाने को लेकर विवाद हुआ। पुलिसकर्मी ने महिला से कहा कि खाना न खिलाने पर कुत्ते आना बंद कर देंगे। महिला ने पुलिसकर्मी पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया और कुत्तों की नसबंदी न करने के लिए शहर के अधिकारियों की आलोचना की जिससे उनकी संख्या बढ़ गई है।

    By Digital Desk Edited By: Deepak Gupta Updated: Tue, 26 Aug 2025 04:58 PM (IST)
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    आवारा कुत्तों पर विवाद के बीच चेन्नई पुलिस का हैरान करने वाला बयान (सोशल मीडिया)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चेन्नई के तिरुवनमियुर इलाके में आवारा कुत्तों को खाना खिलाने और उनकी देख रेख करने मुद्दे पर एक पुलिसकर्मी और एक महिला के बीच विवाद खड़ा हो गया। महिला से बहस के दौरान पुलिसकर्मी ने कहा कि अगर वह उन्हें खाना नहीं खिलाएगी तो कुत्ते 'अपने आप आना बंद कर देंगे'।

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    महिला ने दावा किया वो ऐसा बीते दो दशकों से कर रही है। पुलिसकर्मी से बहस के दौरान महिला ने अपने फोन से वीडियो बनाया जिसमें पुलिसकर्मी महिला की चाची के 2024 में साथ हुई छेड़छाड़ की घटना का हवाला देते हुए कह रहा है कि अगर आप आधी रात को कुत्तों को खाना खिलाते हुए समुद्र तट पर टहलते हैं, तो उत्पीड़न होना तय है। अगर आप कुत्तों को खाना खिलाने आते हैं, तो हम आपको गिरफ्तार कर लेंगे और पुलिस स्टेशन ले जाएंगे।

    शिकायत के बाद भी एक्शन नहीं

    महिला ने कहा कि मेरे बार-बार शिकायत करते के बावजूद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। साथ ही महिला ने पशु जन्म नियंत्रण कानून के तहत आवारा कुत्तों की नसबंदी न करने के लिए शहर के अधिकारियों की भी आलोचना की। इसके बाद महिला ने पुलिसकर्मी के व्यवहार और जानवरों को खाना न देने की मांग करने के उसके अधिकार पर सवाल उठाया।

    आवारा कुत्तों संख्या बढ़ी

    उसने बताया कि शहर के अधिकारियों द्वारा आवारा कुत्तों की नसबंदी न करने के कारण इलाके में उनकी संख्या बढ़ गई है और कुत्तों को भी समुद्र तट पर छोड़ दिया गया है।

    पुलिसकर्मी के बयान की निंदा

    मीडिया आउटलेट्स के अनुसार, कार्तिक ने बाद में दावा किया कि उनका आशय यह था कि अगर महिला आधी रात के बाद सड़कों पर दिखाई दी तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

    इस 'स्पष्टीकरण' की भी निंदा की गई क्योंकि ऐसा लग रहा था कि वह सार्वजनिक स्थानों पर, खासकर देर रात, महिलाओं के साथ होने वाले किसी भी उत्पीड़न के लिए उन्हें ही दोषी ठहरा रहे हैं और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी कानून प्रवर्तन अधिकारियों से हटा रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, कार्तिक के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

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