कुतुब मीनार से 5 गुना ऊंचा, भूकंप-विस्फोट झेलने में सक्षम; पिलर टूटने पर चल सकेंगी ट्रेनें, क्यों खास है चिनाब रेलवे ब्रिज?
Chenab Railway Bridge Facts प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 जून को दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज चिनाब रेल ब्रिज का उद्घाटन करेंगे। पेरिस के एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा यह पुल कटरा-श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन सेवा की शुरुआत करेगा। जम्मू-कश्मीर के पर्यटन को बढ़ावा देगा और घाटी में कनेक्टिविटी में सुधार करेगा। चिनाब रेल ब्रिज में क्या-क्या खास है?

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में उम्मीदों की रेल पटरी पर दौड़ने वाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से तीन दिन बाद यानी 6 जून को जम्मू-कश्मीर का दौरा करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी इंजीनियरिंग का करिश्मा यानी दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे ब्रिज ( world's highest railway bridge) चिनाब रेल ब्रिज का उद्घाटन करेंगे, जिसके बाद कटरा-श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन सेवा शुरू हो जाएगी।
चिनाब रेल ब्रिज पेरिस के एफिल टॉवर से भी 35 मीटर ऊंचा है। जम्मू-कश्मीर पर्यटन में चार चांद लगाने वाला कदम साबित हो सकता है।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर चिनाब रेल ब्रिज का एक वीडियो पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है। वीडियो में बताया गया है कि 6 जून को चिनाब रेल ब्रिज पर कश्मीर के लिए ट्रेन सेवा शुरू हो जाएगी।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र ने लिखा-
''इतिहास बनने जा रहा है। बस तीन दिन शेष हैं। दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज चिनाब ब्रिज जम्मू-कश्मीर में है। यह उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (USBRL) प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जोकि प्रकृति की सबसे मुश्किल परीक्षाओं का सामना करने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 जून 2025 #ChenabBridge का उद्घाटन करेंगे। यह नए भारत की ताकत और दूरदर्शिता का गौरवशाली प्रतीक है।''
History in the making… Just 3 days to go!
The mighty #ChenabBridge, the world’s highest railway bridge, stands tall in #JammuandKashmir.
Part of the Udhampur-Srinagar-Baramulla Railway Link (USBRL). Built to withstand nature’s toughest tests.
PM Sh @narendramodi to… pic.twitter.com/EQnC0m1per
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) June 3, 2025
बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद से राज्य में पर्यटन ठप पड़ा है। ऐसे में चिनाब रेल ब्रिज और कटरा-श्रीनगर वंदे भारत ट्रेन सेवा शुरू होने से घाटी में एक बार फिर पर्यटकों की बहार नजर आ सकती है।
चिनाब रेलवे ब्रिज क्यों है खास?
- चिनाब रेलवे ब्रिज (The Chenab Rail Bridge) उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना का हिस्सा है।
- साल 2003 में इस ब्रिज को बनाने की मंजूरी दी गई थी। ब्रिज को तैयार होने में दो दशक से ज्यादा का समय लगा है।
- देश के इतिहास में रेलवे से जुड़े किसी भी प्रोजेक्ट में यह ब्रिज सबसे मुश्किल और बड़ी निर्माण (इंजीनियरिंग) चुनौती रहा है।
- यह ब्रिज चिनाब नदी के तल से 359 मीटर ऊंचा, 1315 मीटर लंबा और 152 का आर्च वाला है।
- यह दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे ब्रिज है। पेरिस के मशहूर एफिल टॉवर से 35 मीटर और कुतुब मीनार से पांच गुना ऊंचा है।
- 1.31 किलोमीटर लंबा यह ब्रिज 1,486 करोड़ रुपये की लागत बनकर तैयार हुआ है।
- इसको बनाने में 10°C से 40°C तक के पारे में इस्तेमाल होने वाली 2,86,60,000 किलोग्राम स्टील का इस्तेमाल किया गया है।
- यह ब्रिज रिक्टर स्केल पर 8 तीव्रता का भूकंप और अति तीव्रता के विस्फोट का सामना करने में सक्षम है।
- यह ब्रिज 266 किमी/घंटे तक चलने वाली हवाओं को झेल सकता है।
- ब्रिज की ढांचा ऐसा है कि कोई एक पिलर टूटने पर भी ट्रेनें धीरे-धीरे गुजर सकेंगी।
चिनाब रेलवे ब्रिज को बनाने में क्या चुनौतियां आईं?
- चिनाब रेलवे ब्रिज हिमालयी क्षेत्र में बना है, जिससे इसके निर्माण में बेहद मुश्किलें आईं।
- ब्रिज साइट बहुत दूर और दुर्गम जगह थी, जहां सामान और मशीनें पहुंचाना बहुत कठिन था।
- यहां हर दिन मजदूरों और इंजीनियरों को लाना सबसे बड़ी चुनौती थी, लोग ठहरना नहीं चाहते थे।
- घाटी की बर्फबारी, बर्फीली हवाएं और खराब मौसम निर्माण कार्य में बार-बार रुकावट बना।
- आतंकवादी घटनाओं और सुरक्षा के पहलुओं के चलते भी काम में रुकावट आई।
- ब्रिज को बनाने के लिए कई सालों तक रिसर्च, प्लानिंग और इंजीनियरिंग पर काम किया गया।


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