Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Cheetahs Vayu and Agni: चार महीने के क्वारंटाइन के बाद बोमा में शिफ्ट किए गए चीता वायु और अग्नि, दोनों स्वस्थ

    नर चीता वायु और अग्नि ( Cheetahs Vayu and Agni ) को बोमा (बाड़े) में स्थानांतरित कर दिया गया है। यह मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कुनो राष्ट्रीय उद्यान ( KNP ) में स्थित है। इससे पहले नर चीता गौरव और शौर्य को भी संगरोध बाड़े से बोमा में स्थानांतरित कर दिया गया था। बता दें कि चीता पुनरुत्पादन परियोजना ने रविवार को एक साल पूरा कर लिया है।

    By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Tue, 19 Sep 2023 08:57 AM (IST)
    Hero Image
    चार महीने के क्वारंटाइन के बाद बोमा में शिफ्ट किए गए चीता वायु और अग्नि (Image: ANI)

    श्योपुर, PTI। चार महीने के क्वारंटाइन के बाद नर चीतों वायु और अग्नि को बोमा बाड़े में आज शिफ्ट कर दिया गया है। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी। बोमा, मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कुनो राष्ट्रीय उद्यान (केएनपी) में स्थित है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, चीता पुनरुत्पादन परियोजना ( cheetah reintroduction project ) ने रविवार को अपना एक साल पूरा कर लिया है। इसी के मद्देनजर नर चीता गौरव और शौर्य को भी संगरोध बाड़े से बोमा में स्थानांतरित कर दिया गया। चीता पुनरुत्पादन परियोजना यानी भारत में फिर से चीतों को बसाने की योजना, जिसे 17 सितंबर को पूरे एक साल हो गए है।

    दोनों चीते स्वस्थ

    एक आधिकारिक विज्ञप्ति में सोमवार को कहा गया, 'वायु और अग्नि को स्वास्थ्य जांच पूरी होने के बाद प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सोमवार को सॉफ्ट रिलीज बोमा में छोड़ दिया गया। दोनों चीते स्वस्थ हैं। दोनों 27 जून से क्वारंटाइन बोमा में थे। रिहाई की प्रक्रिया वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में पशु चिकित्सा अधिकारियों की टीम द्वारा सफलतापूर्वक पूरी की गई।

    यह भी पढ़े: गणपति बप्पा मोरया.... सज गया लालबाग के राजा का दरबार, भारी भीड़ में हुई सुबह की आरती; Video

    फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते केएनपी पहुंचे

    चीता पुनरुत्पादन परियोजना के तहत, पिछले साल 17 सितंबर को आठ नामीबियाई चीतों को केएनपी के बाड़ों में छोड़ा गया था, जिनमें पांच मादा और तीन नर शामिल थे। इस साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते केएनपी पहुंचे। अधिकारियों ने कहा कि मार्च से अब तक तीन शावकों सहित नौ चीतों की मौत हो चुकी है, जबकि 14 चीते और एक शावक स्वस्थ स्थिति में हैं। 1952 में भारत में चीतों को विलुप्त घोषित कर दिया गया था। हालांकि, अब स्थिति में सुधार हुआ है।

    यह भी पढ़े: Hardeep Singh Nijjar: कौन है KTF चीफ आतंकी हरदीप सिंह निज्जर? जिसकी वजह से भारत-कनाडा आए आमने-सामने!