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    1950 से 2016 तक 113 बार लग चुका है राष्ट्रपति शासन, जानिए-कब और कहां

    By Atul GuptaEdited By:
    Updated: Fri, 22 Apr 2016 12:52 PM (IST)

    साल 1950 से लेकर 2016 तक 113 बार राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला लिया जा चुका है। दिलचस्प बात ये है कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में सबसे ज्यादा बार राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला विवादों के घेरे में रहा।

    नई दिल्ली,(जेएनएन)। नैनीताल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड में लगाए गए राष्ट्रपति शासन लगाने के फैसले को निरस्त कर दिया है। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा था उन्हें केंद्र के इस फैसले पर बहुत अफसोस है।

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    लेकिन ऐसा पहली बार नहीं है जब किसी सरकार पर अनुच्छेद 356 के गलत इस्तेमाल का आरोप लगा हो। आपको जानकार हैरानी होगी कि साल 1950 से लेकर 2016 तक 113 बार राष्ट्रपति शासन लगाया जा चुका है।

    • द क्विंट की खबर के मुताबिक हाल की बात करें तो साल 2014 में महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था।
    • आपको बता दें कि प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के कार्यकाल के दौरान कुल 7 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया जिनमें से 5 विवादित थे और 2 बार परिस्थितिजन्य थे।
    • इसके बाद प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के कार्यकाल के दौरान 1 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया और वो भी सामान्य प्रक्रिया के तहत था।
    • इंदिरा गांधी के पहले कार्यकाल के दौरान सबसे ज्यादा 32 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया जिनमें से 14 फैसले विवादित थे, 17 सामान्य थे और 1 बार कानून और व्यावस्था को बनाए रखने के लिए राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला किया गया था।
    • इसके बाद बनी मोरारजी देसाई और चौधरी चरण सिंह की सरकार के दौरान 16 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया जिनमें से 11 फैसले विवादति थे, 4 बार लोकतांत्रिक तरीके से और 1 बार कानून और व्यवस्था को लेकर राष्ट्रपति शासन लगाया गया।
    • इंदिरा गांधी के दूसरे कार्यकाल के दौरान 16 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया जिनमें से 11 फैसले विवादित थे, 4 फैसले सामान्य थे और 1 बार कानून व्यवस्था को लेकर राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला किया गया था।
    • इंदिरा गांधी के बाद राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान 6 बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया जिनमें से 3 फैसले विवादित 2 लोकतांत्रित प्रक्रिया के तहत और 1 बार कानून-व्यवस्था के नाम पर राष्ट्रपति शासन लगाया गया।
    • राजीव गांधी के बाद वीपी सिंह और चंद्रशेखर की सरकार के दौरान भी 6 बार राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला लिया गया जिनमें से 2 फैसले विवादित थे, 1 लोकतात्रित प्रक्रिया के तहत और 3 बार कानून और व्यवस्था के नाम पर राष्ट्रपति शासन लगाया गया।
    • पी वी नरसिंम्हा राव की सरकार के दौरान 11 बार राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला किया गया। इनमें से 2 फैसले विवादित रहे जबकि 4 बार लोकतात्रिक तरीके से और 5 बार कानून और व्यवस्था के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया गया।
    • एच डी देवगौड़ा सरकार के कार्यकाल के दौरान दो बार राष्ट्रपति शासन लगा और दोनों ही फैसले विवादों के घेरे में रहे।
    • अटल बिहारी वाजपेयी सरकार सरकार के दौरान दो बार राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला किया गया जिनमें से एक बार लोकतात्रिक प्रकिया के तरह और एक बार कानून और व्यवस्था को लेकर राष्ट्रपति शासन लगा।
    • मनमोहन सिंह सरकार के दौरार आठ बार राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला किया गया जिनमें से 1 फैसला विवादित रहा लेकिन बाकी के 7 फैसले लोकतात्रिक प्रक्रिया के तहत लगाए गए।
    • वर्तमान मोदी सरकार के दौरान 5 बार राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला लिया जा चुका है जिनमें से तीन लोकतात्रित प्रक्रिया के द्वारा जबकि दो फैसले विवादों के घेरे में है।
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