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    बंदर से इंसान बनने की डार्विन की थ्योरी को सिलेबस से हटाने पर मचा विवाद, क्या है विकासवाद का सिद्धांत

    By Achyut KumarEdited By: Achyut Kumar
    Updated: Sun, 30 Apr 2023 11:53 AM (IST)

    चार्ल्स डार्विन के विकासवाद के सिद्धांत को एनसीईआरटी ने नौवीं और दसवीं क्लास के सिलेबस से हटा दिया है जिसे लेकर लेकर काफी विवाद हो रहा है। आइए जानते हैं यह सिद्धांत क्या है और इसकी खोज कब की गई थी...

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    Charles Daring Theory of Evolution: चार्ल्स डार्विन के विकासवाद सिद्धांत को NCERT के पाठ्यक्रम से हटाने पर विवाद

    नई दिल्ली, जागरण डेस्क। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने नौवीं और दसवीं कक्षा के सिलेबस से विश्व के महान वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन (Charles Darwin) के विकासवाद के सिद्धांत (Theory of Evolution) को हटा दिया है, जिस पर काफी विवाद हो रहा है। डार्विन का सिद्धांत बताता है कि मनुष्य के पूर्वज बंदर थे और सभी जीवों की उत्पत्ति एक ही जीव से हुई है। उन्होंने यह बात 20 साल के शोध के आधार पर कही थी।

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    डार्विन के सिद्धांत को पाठ्यक्रम से हटाने पर हैरान हुए शिक्षक (Darwin Theory controversy)

    एनसीआईआरटी द्वारा डार्विन के विकासवाद के सिद्धांत को पाठ्यक्रम से हटाने पर जहां शिक्षकों ने हैरानी जताई है, वहीं सरकार का कहना है कि सिलेबस को कम करने के लिए यह कदम उठाया गया है। शिक्षकों का कहना है कि डार्विन का सिद्धांत छात्रों के लिए काफी अहम है। इसे पाठ्यक्रम से हटाने पर अब बच्चों को इंसान के विकास यात्रा के बारे में कैसे पता चलेगा।

    चार्ल्स डार्विन का सिद्धांत क्या है? (What is Charles Darwin theory)

    चार्ल्स डार्विन ने इंसान और जीव-जंतुओं के क्रमिक विकास को समझाया था। उनका मानना था कि हम सभी के पूर्वज एक ही हैं। हर प्रजाति चाहे वह इंसान हो, पेड़-पौधे हों या जानवर, सभी एक-दूसरे से संबंधित हैं। इसी को थ्योरी आफ इवोल्यूशन यानी विकासवाद का सिद्धांत कहा जाता है। डार्विन ने एक सिद्धांत और दिया था कि जैसे-जैसे भूमि बढ़ती है, समुद्री द्वीप डूबते जाते हैं और उनके चारों ओर प्रवाल भित्तियां बढ़ती जाती हैं, जिससे प्रवालद्वीप का निर्माण होता है।

    विकासवाद का सिद्धांत क्या है? (What is theory of evolution)

    विकासवाद के सिद्धांत के मुताबिक, इस धरती पर सबसे पहले एक कोशिका वाले जीव बने। ये जीव पानी में रहते थे। समय और परिस्थितियों के अनुसार इन्होंने खुद को ढाल लिया। एक कोशिकीय जीव के बाद बहुकोशकीय जीव बने। इस तरह जीव विकास की यह यात्रा करोड़ों वर्षों तक चली, जिसके परिणामस्वरूप बंदर से इंसान बना।

    चार्ल्स डार्विन कौन हैं? (Who is Charles Darwin?)

    चार्ल्स डार्विन एक महान जीव वैज्ञानिक थे। उनका जन्म 12 फरवरी 1809 को इंग्लैंड के हैंपशायर में हुआ था। उनके पिता का नाम राबर्ट डार्विन था। वे पेशे से एक डॉक्टर थे। उनकी मां का निधन बचपन में ही हो गया था। डार्विन की शुरुआती पढ़ाई गांव के ही एक स्कूल से हुई। उनका मन पढ़ने में नहीं लगता था। वे बचपन से ही पेड़-पौधों और जीव-जंतुओं के बारे में जानने के लिए उत्सुक रहते थे। उनका निधन 19 अप्रैल 1882 को हुआ।

    चार्ल्स डार्विन क्यों प्रसिद्ध हैं? (What is Charles Darwin famous for?)

    डार्विन अपने विकासवाद के सिद्धांत के लिए जाने जाते हैं। उनका यह सिद्धांत 1831 से लेकर 1836 तक एचएमएस बीगल पर उनकी समुद्र यात्रा के संग्रहों पर आधारित है। उन्हें 1839 में फेलो आफ रायल सोसायटी, 1853 में रायल मेडल, 1859 में वोल्स्टन मेडल और 1864 में कापली मेडल से सम्मानित किया गया।

    चार्ल्स डार्विन ने किसकी खोज की थी? (What did Charles Darwin discover?)

    चार्ल्स डार्विन ने 1858 में क्रम विकास यानी विकासवाद के सिद्धांत की खोज की थी। इस सिद्धांत ने उन मान्यताओं को खारिज किया था, जिसमें कहा गया था कि इंसान, जीव-जंतुओं और पेड़-पोधों का निर्माण एक अलौकिक घटना है। डार्विन ने कहा कि बंदरों के क्रमिक विकास से इंसान का निर्माण हुआ। धरती पर जीवन की शुरुआत से ही जीवों का आपसी और प्रकृति के प्रति संघर्ष चला आ रहा है। जो इस संघर्ष में अनुकूल रहे, वो जीवित रहे। वहीं, जो प्रतिकूल रहे, वो नष्ट हो गए। 

    चार्ल्स डार्विन की पुस्तक का क्या नाम है? (What is the name of Charles Darwin's book)

    चार्ल्स डार्विन की पुस्तक का नाम 'आन द ओरिजिन आफ स्पेसीज' (On The Origin Of Species) है। इसमें उन्होंने विकासवाद के सिद्धांत का वर्णन किया है।