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    छांगुर पर ED का शिकंजा, बलरामपुर में 12 और मुंबई में 2 ठिकानों पर छापेमारी शुरू

    By Agency Edited By: Piyush Kumar
    Updated: Thu, 17 Jul 2025 08:41 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में धर्मांतरण सिंडिकेट चलाने वाले मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने शिकंजा कसते हुए 14 जगहों पर छापेमारी की। बलरामपुर में 12 और मुंबई में 2 ठिकानों पर छापे मारे गए। आरोपी नवीन से शहजाद शेख को 2 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे जिसके बाद शेख के आवासों पर भी छापेमारी हुई।

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    धर्मांतरण सिंडिकेट चलाने वाले मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा के खिलाफ ED ने शिकंजा कसा।(फोटो सोर्स: एएनआई)

    एएनआई, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में धर्मांतरण सिंडिकेट चलाने वाले मास्टरमाइंड जमालुद्दीन उर्फ छांगुर के खिलाफ पुलिस लगातार शिंकजा कसती जा रही है। इसी कड़ी में प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार सुबह 5 बजे 14 जगहों पर छापेमारी की।

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    जानकारी के मुताबिक, ईडी ने बलरामपुर के 12 और मुंबई के 2 ठिकानों पर छापेमारी की। मधपुर व उतरौला नगर में भी छांगुर के ठिकानों पर ईडी की टीम मौजूद है।

    आरोपी नवीन से शहजाद शेख को 2 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे, जिसके बाद शेख के बांद्रा और माहिम स्थित आवासों पर छापेमारी की गई। बता दें कि छांगुर और उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन सलाखों के पीछे है।

    40 बैंक खातों में 106 करोड़ रुपये

    9 जुलाई को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के अपराधों की जांच के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत छांगुर के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की। ईडी ने जानकारी हासिल की कि उसके 40 बैंक खातों में 106 करोड़ रुपये की धनराशि है। ज्यादातर पैसे मिडिल ईस्ट से आए हैं।

    छांगुर पर इस्लाम को बढ़ावा देने और अन्य धर्मों के लोगों - विशेष रूप से हिंदुओं, अनुसूचित जातियों और आर्थिक रूप से वंचित व्यक्तियों - को धर्म परिवर्तन के लिए व्यवस्थित रूप से प्रेरित करने, मजबूर करने और हेरफेर करने का आरोप है।

    कैसे भिखारी से 'पीर' बना छांगुर?

    छांगुर अपने गांव छोड़कर मुंबई चला गया था। वहां पर उसने लोगों को बताया कि वो पीर है। खुद को पीर बताने वाले बाबा से लोग जुड़ने लगे। नवीन रोहरा (जमालुद्दीन) और उनकी पत्नी नीतू रोहरा (नसरीन) भी इसी दौरान मुंबई में बाबा से मिले और पूरे परिवार के साथ अपना धर्म बदल लिया था।

    मुंबई से वापस आने के बाद छांगुर ने गांव में प्रधान का चुनाव दो बार जीता। इसके बाद वहीं पर उसने अपने मुरीदों से मिलने के लिए एक दरगाह के पास ही जगह बना ली। बाबा से मिलने के लिए लोग दूर-दूर से आने लगे।

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