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    मणिपुर में सरकार की सहमति के बिना स्थानों का नाम परिवर्तन अपराध, विधानसभा में इससे संबंधित विधेयक पारित

    By Agency Edited By: Babli Kumari
    Updated: Tue, 05 Mar 2024 07:43 PM (IST)

    मणिपुर विधानसभा ने सरकार की मंजूरी के बिना स्थानों का नाम परिवर्तित करने को दंडनीय अपराध बनाने संबंधी एक विधेयक पारित कर दिया है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को विधानसभा में मणिपुर स्थानों का नाम विधायक 2024 पेश किया था और इसे सदन में आम सहमति से पारित कर दिया। विधेयक के अनुसारसरकार की सहमति के बिना गांवों या स्थानों का नाम बदलने के दोषियों को सजा मिलेगी।

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    मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (फाइल फोटो)

    पीटीआई, इंफाल। मणिपुर विधानसभा ने सरकार की मंजूरी के बिना स्थानों का नाम परिवर्तितन करने को दंडनीय अपराध बनाने संबंधी एक विधेयक पारित कर दिया है। मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने सोमवार को विधानसभा में मणिपुर स्थानों का नाम विधायक, 2024 पेश किया था और इसे सदन में आम सहमति से पारित कर दिया।

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    सीएम सिंह ने विधेयक पारित होने के बाद एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि मणिपुर सरकार हमारे इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और पुरखों से चली आ रही विरासत की रक्षा करने को लेकर गंभीर है। उन्होंने कहा कि हम बिना सहमति के स्थानों का नाम बदलना और उनके नामों का दुरुपयोग करना बर्दाश्त नहीं करेंगे और इस अपराध के दोषियों को सख्त कानूनी दंड दिया जाएगा।

    सरकार की सहमति के बिना नाम बदलने पर मिलेगी सजा

    विधेयक के अनुसार, सरकार की सहमति के बिना गांवों या स्थानों का नाम बदलने के दोषियों को अधिकतम तीन साल की जेल की सजा दी जा सकती है और उन पर तीन लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को विधानसभा में कहा था कि ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिनमें चूडचंद्रपुर को लमका और कांगपोकपी को कांगुई कहा गया हैज्। इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है। सिंह ने बताया कि राज्य सरकार ने स्थानों को दिए सभी नए नाम पहले ही रद कर दिए हैं।

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