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फिर टला मिशन चंद्रयान-2, भारत से पहले बाजी मार ले जाएगा इजरायल!

भारत का सबसे महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 को एक बार फिर टाल दिया गया है। इस कारण इजरायल को चांद तक पहुंचने का मौका भारत से पहले मिल सकता है।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Sun, 05 Aug 2018 09:43 AM (IST)Updated: Sun, 05 Aug 2018 03:28 PM (IST)
फिर टला मिशन चंद्रयान-2, भारत से पहले बाजी मार ले जाएगा इजरायल!
फिर टला मिशन चंद्रयान-2, भारत से पहले बाजी मार ले जाएगा इजरायल!

नई दिल्ली (जेएनएन)। भारत का सबसे महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 को एक बार फिर टाल दिया गया है। चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण इसी साल अक्टूबर में किया जाना था, लेकिन किन्हीं कारणों से इसे दिसंबर 2018 तक के लिए टाल दिया गया है। अब ये प्रक्षेपण 2019 में ही मुमकिन हो पाएगा। इस कारण इजरायल को चांद तक पहुंचने का मौका भारत से पहले मिल सकता है। दरअसल, इस साल के अंत में इजरायल की एक कंपनी चांद पर अपना मिशन भेजने की तैयारी में है।

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तकनीकी कारणों से टला मिशन

कहा जा रहा है कि तकनीकी गड़बड़ी के कारण मिशन चंद्रयान-2 को फिलहाल के लिए टाल दिया गया है। बता दें कि चंद्रयान मिशन-2 में लूनर रोवर को भेजा जाना है। दरअसल, चंद्रयान-2 मिशन के तहत इसे पिछले साल 23 अप्रैल को भेजा जाना था, लेकिन तब भी ऐसा मुमकिन नहीं हो पाया था।

अमेरिका के फेल्कोन-9 रॉकेट की मदद लेगा इजरायल

इजरायल के चंद्रमा मिशन की बात करें तो वह अमेरिका के 'फेल्कोन-9 रॉकेट' के जरिए चंद्रमा पर अपना मिशन भेजेगा। इसके 15 फरवरी, 2019 को चांद पर पहुंचने की संभावना जताई जा रही है। दरअसल, चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने वाला चौथा देश बनने को लेकर भारत और इजरायल के बीच प्रतिस्पर्धा चल रही है।

शीर्ष पर बना अमेरिका

बता दें कि चांद पर पहुंचने वाले तीन देशों की सूची में शीर्ष पर अमेरिका है। जबकि दूसरे और तीसरे नंबर पर रूस और चीन है। अब दो एशियाई देशों के बीच चौथा स्थान हासिल करने को लेकर प्रतिस्पर्धा चल रही है। जिसके चलते अब देखना होगा कि चांद पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की ये बाजी इजरायल के हाथ लगेगी या फिर भारत के।

दूसरी चांद यात्रा, भारत की योजना

यह भारत की दूसरी चांद यात्रा है। भारत के मून रोवर की पहली तस्वीर इसरो के 800 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट चंद्रयान- 2 मिशन का हिस्सा ही है। कहा जा रहा है कि चंद्रयान-2 मिशन के जरिए भारत दक्षिण ध्रुव के करीब सॉफ्ट लैंडिंग कर, छह पहियों वाले रोवर को स्थापित करने की तैयारी में है, ताकि चांद की सतह से जुड़ी जानकारियां हासिल करने की जा सकें। अपने इस मून मिशन के लिए भारत अपने सबसे भारी रॉकेट बाहुबली का इस्तेमाल कर रहा है।

चंद्रयान-2

- चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान का वजन करीब 3,290 किलोग्राम है

- चंद्रयान-2 चांद के चारों ओर चक्कर लगाकर आंकड़े एकत्रित करेगा

- GSLV Mk II की बजाय अब फरवरी में चांद पर GSLV Mk III उतरेगा

- चंद्रयान-2 का वजन बढ़ने की वजह से GSLV Mk III का होगा इस्तेमाल

- इस मिशन पर कुल 800 करोड़ रुपये खर्च हुए

- इससे पहले मंगलयान मिशन पर 470 करोड़ रुपये खर्च हुए थे


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