Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Chandrayaan 3: 'मानवता के लिए खास दिन', विज्ञान और इंजीनियरिंग पर विक्रम साराभाई के बेटे ने कही एक दिलचस्प बात

    By AgencyEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Wed, 23 Aug 2023 12:55 PM (IST)

    Chandrayaan-3 इसरो के संस्थापक विक्रम साराभाई के बेटे कार्तिकेय साराभाई ने इस मौके पर समाचार एजेंसी एएनआई से बात की। उन्होंने कहा यह एक बड़ा दिन है। जितनी सटीकता हमने इस मिशन को अंजाम दिया है वो एक शानदार बात है। वहीं चंद्रयान-3 मिशन को खास प्रक्रिया के जरिए अंजाम दिया जा रहा है जो किसी देश ने अभी तक नहीं किया है।

    Hero Image
    Chandrayaan-3: विक्रम साराभाई के बेटे ने कहा कि आज की दिन मानव जाति के लिए अहम ।(फोटो सोर्स: जागरण)

    नई दिल्ली, एएनआई। तकरीबन 61 साल पहले यानी 1962 में डॉ विक्रम साराभाई (Vikram Sarabhai) के आग्रह पर भारत में नेशनल कमेटी फॉर स्पेस रिसर्च का गठन किया गया था। इसके बाद साल 1969 में  नेशनल कमेटी फॉर स्पेस रिसर्च को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में बदल दिया गया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विक्रम साराभाई ने सपना देखा था कि नासा के तरह ही इसरो भी अंतरिक्ष क्षेत्र में सफलता की सीढ़ियों को चढ़े। आज के समय इसरो उनके सपने को साकार करने में जुटा है।

    चंद्रयान-3 मिशन (Chandrayaan-3 mission) के लिए आज का दिन (23 अगस्त) बेहद अहम है। शाम 6 बजकर 4 मिनट पर लैंडर विक्रम चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला है।

    हमने सटीकता से इस मिशन को दिया अंजाम: कार्तिकेय साराभाई

    इसरो के संस्थापक विक्रम साराभाई के बेटे कार्तिकेय साराभाई  ने इस मौके पर समाचार एजेंसी एएनआई से बात की। उन्होंने कहा," "यह एक बड़ा दिन है। जितनी सटीकता हमने इस मिशन को अंजाम दिया है, वो एक शानदार बात है। वहीं, चंद्रयान-3 मिशन को खास प्रक्रिया के जरिए अंजाम दिया जा रहा है, जो किसी देश ने अभी तक नहीं किया है।  

    विज्ञान और इंजीनियरिंग में हम गलतियों से सीखते हैं: कार्तिकेय साराभाई

    उन्होंने आगे कहा,"विज्ञान और इंजीनियरिंग में हम गलतियों से सीखते हैं। .यह मानवता के लिए बहुत बड़ी बात होगी कि हमारे देश का लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतने वाला है।

    बता दें कि चंद्रयान-3 (Chandrayaan 3 Live) आज चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट लैंडिंग करने की कोशिश करेगा। इस मिशन की सफलता भारत को अमेरिका, चीन और तत्कालीन सोवियत संघ के बाद चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की तकनीक में महारत हासिल करने वाला चौथा देश बना देगी।