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    चांद के और निकट पहुंचा Chandrayaan-3, पहली बार भेजी तस्वीरें; अब 23 अगस्त को इतिहास रचने पर टिकी निगाहेंं

    By AgencyEdited By: Achyut Kumar
    Updated: Mon, 07 Aug 2023 03:23 AM (IST)

    चंद्रयान-3 चांद के और निकट पहुंच गया है। यान की कक्षा को घटा दिया गया है। अब बुधवार को फिर से यान की कक्षा बदली जाएगी। चंद्रयान को 14 जुलाई को दोपहर दो बजकर 35 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था। यान 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर उतरेगा।

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    चांद के और निकट पहुंचा Chandrayaan-3, घटाई गई यान की कक्षा

    बेंगलुरु, पीटीआई। भारत का चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) चांद के और निकट पहुंच गया है। रविवार को भारतीय समयानुसार लगभग रात 11 बजे चंद्रयान-3 की कक्षा को घटाया गया। इससे पहले शनिवार को चंद्रयान-3 को चंद्रमा की बाहरी कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया था।

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    बुधवार को फिर बदली जाएगी कक्षा

    भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रविवार को इंटरनेट मीडिया एक्स पर पोस्ट किया, चंद्रमा की निचली कक्षा में पहुंचाने की प्रक्रिया (रिडक्सन आफ आर्बिट) सफलतापूर्वक पूरी की गई। यान इस समय 170x4313 किलोमीटर की कक्षा में है। कक्षा घटाने की अगली प्रक्रिया (रिडक्सन आफ आर्बिट-2) बुधवार नौ अगस्त को भारतीय समयानुसार दोपहर एक बजे से दो बजे के बीच पूरी की जाएगी।

    अब अगले कुछ दिन यान उसी तरह चंद्रमा की कक्षाओं में परिक्रमा करेगा, जिस तरह पृथ्वी की अलग- अलग कक्षाओं में परिक्रमा किया था। क्रमिक रूप बदलाव करते हुए यान को चांद की निकटतम कक्षा में पहुंचाया जाएगा।

    23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर उतरेगा यान

    23 अगस्त को यान के लैंडर-रोवर को चंद्रमा की सतह पर उतारा जाएगा। 14 जुलाई को रवाना हुआ यान पृथ्वी की अलग अलग कक्षाओं में चक्कर लगाने के बाद पहली अगस्त को स्लिंगशाट के बाद पृथ्वी की कक्षा छोड़कर यान चंद्रमा की कक्षा की ओर बढ़ा था।

    इसरो ने जारी किया चंद्रमा का वीडियो

    चंद्रयान-3 में लगे कैमरे से खींची गई पहली तस्वीर और वीडियो को इसरो ने रविवार को जारी किया। वीडियो के कैप्शन में लिखा है, 'चंद्रमा, जैसा चंद्रयान -3 ने चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश के दौरान देखा। वीडियो में चंद्रमा नीले हरे रंग में कई गड्ढों के साथ दिख रहा है।

    चंद्रमा की सतह पर लैंडर उतारने वाला चौथा देश होगा भारत

    अब तक अमेरिका, रूस और चीन ने ही चंद्रमा की सतह पर अपने लैंडर उतारे हैं। भारत ने 2019 में चंद्रयान-2 मिशन के तहत लैंडर को उतारने का प्रयास किया था। हालांकि, आखिरी क्षणों में लैंडर से संपर्क टूट गया था और उसकी क्रैश लैंडिंग हो गई थी। इस बार लैंडिंग सफल रहने के बाद भारत ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। लांच व्हीकल यानी राकेट की लागत को हटा दिया जाए, तो चंद्रयान-3 की कुल लागत 250 करोड़ रुपये है। अन्य देशों की औसतन लागत इससे कई गुना ज्यादा रही है।