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    चांद के दक्षिणी ध्रुव के पास लोकेशन मार्कर का काम करेगा चंद्रयान-3 का लैंडर, वर्तमान और भविष्य के मिशनों को होगा लाभ

    By Agency Edited By: Amit Singh
    Updated: Sat, 20 Jan 2024 06:15 AM (IST)

    नासा के लूनर रिकानिसेंस आर्बिटर (एलआरओ) ने 12 दिसंबर 2023 को एलआरए द्वारा परावर्तित संकेतों का सफलतापूर्वक पता लगाकर लेजर रेंज को मापा। एलआरओ ने इसके लिए लूनर आर्बिटर लेजर अल्टीमीटर (एलओएलए) का उपयोग किया। एलआरओ चंद्रयान -3 के पूर्व में बढ़ रहा था। 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास साफ्ट लैंडिंग के बाद से चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर एलओएलए की पहुंच में है।

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    नासा का एलआरए चंद्र सतह पर मार्कर के रूप में काम करना जारी रखेगा

    पीटीआई, बेंगलुरु। चंद्रयान-3 लैंडर के एक उपकरण ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लोकेशन मार्कर के रूप में काम करना शुरू कर दिया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार को बयान में कहा कि चंद्रयान-3 के लैंडर पर लगा लेजर रेट्रोरिफ्लेक्टर एरे (एलआरए) फिडुशियल प्वाइंट (मार्कर) के रूप में काम कर रहा है जो चंद्रमा पर संदर्भ के लिए सटीक रूप से स्थित मार्कर है।

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    चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर पर लगा नासा का एलआरए चंद्र सतह पर मार्कर के रूप में काम करना जारी रखेगा, जिससे वर्तमान और भविष्य के चंद्र मिशनों को लाभ होगा। इससे अंतरिक्ष यान की कक्षीय स्थिति के सटीक निर्धारण में सहायता के अलावा, चंद्रमा की गतिशीलता, आंतरिक संरचना के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी।

    अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के लूनर रिकानिसेंस आर्बिटर (एलआरओ) ने 12 दिसंबर, 2023 को एलआरए द्वारा परावर्तित संकेतों का सफलतापूर्वक पता लगाकर लेजर रेंज को मापा। एलआरओ ने इसके लिए लूनर आर्बिटर लेजर अल्टीमीटर (एलओएलए) का उपयोग किया। एलआरओ चंद्रयान -3 के पूर्व में बढ़ रहा था। 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास साफ्ट लैंडिंग के बाद से चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर एलओएलए की पहुंच में है।

    चंद्रमा पर अन्वेषण की शुरुआत के बाद से चंद्रमा पर कई एलआरए तैनात किए गए हैं, लेकिन चंद्रयान -3 का एलआरए इस समय दक्षिणी ध्रुव के पास उपलब्ध एकमात्र एलआरए है।